4 दिसंबर को है सूर्य ग्रहण, शनि के प्रकोप से बचने के लिए करें खास मंत्र जाप
साल का आखिरी सूर्य ग्रहण शनि अमावस्या के दिन है. ऐसा संयोग विरले ही बनता है लेकिन ग्रहण और शनि अमावस्या का एक साथ पड़ना कई लोगों के लिए बहुत भारी पड़ सकता है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। साल 2021 का आखिरी सूर्य ग्रहण 4 दिसंबर 2021 शनिवार को अमावस्या के दिन लग रहा है. वह भी इस बार की अमावस्या शनि अमावस्या है. ऐसे में यह दिन धर्म और ज्योतिष की नजर से बेहद खास है. ऐसा संयोग विरले ही बनता है, जब शनि अमावस्या के दिन सूर्य ग्रहण पड़े. चूंकि सारी अमावस्या में शनि अमावस्या को बहुत खास माना जाता है और ग्रहण को अशुभ माना जाता है. ऐसे में इस दिन बेहद सतर्क रहने की जरूरत है. यह संयोग लोगों पर भारी पड़ सकता है.
सूर्य ग्रहण और अमावस्या का समय
मार्गशीर्ष महीने की यह अमावस्या तिथि 3 दिसंबर की दोपहर 04:55 बजे से 4 दिसंबर की दोपहर 01:12 बजे तक रहेगी. वहीं 4 दिसंबर को लग रहे सूर्य ग्रहण का समय सुबह 10:59 से दोपहर के 03:07 बजे तक रहेगा. इस तरह सूर्य ग्रहण का तकरीबन आधा समय अमावस्या तिथि में पड़ रहा है. ऐसे में सूर्य ग्रहण के साथ-साथ शनि देव के प्रकोप से भी बचना होगा. इसके लिए 'सूर्य पुत्रो दीर्घ देहो विशालाक्ष: शिव प्रिय:। मंदाचाराह प्रसन्नात्मा पीड़ां दहतु में शनि:।।' मंत्र का जाप करें. इससे लाभ होगा.
इन बातों का रखें ध्यान
सूर्य ग्रहण को अशुभ माना जाता है, उस पर शनि अमावस्या के दिन पड़ रहा सूर्य ग्रहण बहुत भारी पड़ सकता है. ऐसे में ग्रहण के दिन कोई भी शुभ काम न करें. इसके अलावा इस दौरान जहां तक हो सके यात्रा न करें. ईष्ट देव की आराधना करें. ग्रहण के दौरान धारदान चीजें ना तो खरीदें और ना ही उनका उपयोग करें. चाकू, कैंची तक का उपयोग करने से बचें. चूंकि इस दिन शनि अमावस्या भी है, लिहाजा इस दिन दान अवश्य करें और संभव हो तो काली चीजों का दान करें. याद रखें कि इस दिन कोई भी काली चीज न खरीदें.
सूर्य ग्रहण के दौरान कुछ भी न खाएं. ग्रहण से पहले जिस भोजन-पानी में तुलसी के पत्ते डाल दिए हों, उसी का सेवन करें. बिना तुलसी वाला भोजन-पानी ग्रहण के दौरान अशुद्ध हो जाता है. इनका सेवन करना सेहत और जिंदगी पर भारी पड़ सकता है. गर्भवती महिलाएं ग्रहण के दौरान गलती से भी बाहर न निकलें.