Siddhivinayak temple : सिद्धिविनायक मंदिर में आने वालों की हर मुराद होती है पूरी

Update: 2024-06-01 06:08 GMT
 Siddhivinayak temple : मुंबई के सिद्धिविनायक मंदिर की बहुत धूम है। आपको बता दें कि गणपति बप्पा के इस मंदिर में लोगों की बहुत आस्था है और बारिश के दिनों में भी यहां भक्तों की लंबी कतारें देखने को मिलती हैं। सिद्धिविनायक की गिनती देश के सबसे अमीर मंदिरों में होती है। इस मंदिर की महिमा की चर्चा भी दूर-दूर तक होती है। यहां जो भी आता है वह कभी खाली हाथ नहीं जाता। आइए आपको इस मंदिर के बारे में विस्तार से बताते हैं..
ऐसा माना जाता है कि मुंबई स्थित सिद्धिविनायक मंदिर का निर्माण 1801 में विट्ठू और देउबाई पाटिल ने करवाया था। ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर के निर्माण पर खर्च किया गया धन एक निःसंतान किसान महिला द्वारा दान किया गया था, ताकि सिद्धिविनायक के आशीर्वाद से कोई भी महिला अपने जीवन में बांझ न हो और सभी को संतान का आशीर्वाद मिले।
सिद्धिविनायक मंदिर में भगवान गणेश की काले पत्थर से बनी मूर्ति है, जहां वह अपनी दोनों पत्नियों रिद्धि और सिद्धि के साथ विराजमान हैं। मंदिर के गर्भगृह के मंच पर सुनहरे शिखर वाला एक सुंदर चांदी का मंडप है,
जिसमें भगवान सिद्धिविनायक विराजमान हैं।
- गणपति बप्पा का यह मंदिर देश के सबसे अमीर मंदिरों में से एक माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि यहां साल भर में जितना प्रसाद चढ़ाया जाता है, उससे पूरी मुंबई के लोगों का पेट भर सकता है। जिन भक्तों की मनोकामना पूरी हो जाती है वे यहां गुप्त दान करके जाते हैं। मंदिर के अंदर की छत सोने से मढ़ी हुई है।
गणेश उत्सव के दौरान सिद्धिविनायक मंदिर में गणपति बप्पा के दर्शन के लिए लोगों की भीड़ उमड़ती है। इस दौरान देश-विदेश से श्रद्धालु भी यहां दर्शन के लिए आते हैं।सिद्धिविनायक की चार भुजाओं वाली मूर्ति में उनके ऊपरी दाहिने हाथ में कमल और बाएं हाथ में अंकुश और निचले दाहिने हाथ में मोती की माला और बाएं हाथ में मोदक से भरा कटोरा है। इनके मस्तक पर भगवान शिव के समान तीसरा नेत्र तथा गले में सर्पों का हार है।
मान्यता है कि यहां दर्शन मात्र से ही गणपति भक्त की बड़ी-बड़ी परेशानियां पलक झपकते ही दूर हो जाती हैं। यही वजह है कि बॉलीवुड के बड़े-बड़े कलाकार भी यहां घूमने आते हैं।
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