कर्पूर-गौरं करूणावतारं, संसार सारं भुजगेन्द्र हारम्.
सदा वसन्तं हृदयारविन्दे, भवं भवानी सहितं नमामि.
हमारा शरीर पंचभूतों से बना है लेकिन शरीर को चलाने वाली शक्ति है - आत्मा.
यदि शरीर में शक्ति नहीं हो तो यह शरीर शव हो जाता है. सती का अस्तित्व भी शिव अथवा चैतन्य के बिना नहीं रह जाता और इन्हीं पंचभूतों के अधिपति हैं- भगवान शिव.
अगर शरीर में एक भी तत्व कमजोर पड़ जाता है, तो हम बीमार हो जाते हैं. इसी शरीर के अंगों पर ग्रहों का भी अधिकार होता है.
जैसे हृदय पर सूर्य का, मन पर चन्द्रमा का, रक्त पर मंगल का, शरीर के रोमों पर बुध का, चर्बी- आंतों और लीवर पर बृहस्पति का, वीर्य शक्ति पर शुक्र का, शरीर के तंत्रिका तंत्र पर शनि का तथा जीर्ण रोगों पर राहु-केतु का अधिकार है.
अगर ग्रहों की स्थिति खराब प्रभाव दे रही हो. अब वह चाहे कुंडली में ग्रह की पोजीशन की वजह से हो, या अंतरिक्ष में गोचर की वजह से हो या दशा की वजह से हो या सभी का कोई मिश्रित प्रभाव हो. दरअसल यह ग्रह भी हमारे कर्मों व प्रारब्ध की रिपोर्ट के अनुसार ही सुख-दुख देते हैं.
इस सम्पूर्ण न्याय विभाग के संचालनकर्ता मुख्य रूप से शिव ही है. यदि सृष्टि में ग्रहों के कोप से बचना है, शिव शक्ति का पूजन करना चाहिए.
शिवलिंग पूजन से शांत होते हैं ग्रह -
ग्रहों की स्थिति जब ठीक नहीं होती है और अलग-अलग ग्रहों के प्रतिकूल प्रभावों को अनुकूल करने के लिए शिवलिंग पूजन किया जाता हैं.
जिन लोगों की कुंडली में सूर्य से संबंधित कष्ट है तो आपको शिवलिंग पूजन आक के पुष्पों-पत्तों एवं बिल्व पत्रों से करने से तीन जन्मों के पापों का नाश हो जाता है.
चंद्रमा से संबंधित बीमारी या कष्ट जैसे, खांसी, जुकाम, निमोनीया, मन परेशान, ब्लड- प्रेशर आदि हैं तो शिवलिंग पर दूध चढ़ाए और रुद्राष्टक का पाठ करें. इससे इन रोगों से छुटकारा पाने में मदद मिलती है.
मंगल से संबंधित बीमारी जैसे रक्त संबंधित है तो गिलोय जड़ी-बूटी के रस से अभिषेक करें.
बृहस्पति से संबंधित बीमारी जैसे- चर्बी, आंतें, लीवर की समस्या हो तो शिवलिंग पर हल्दी मिश्रित दूध चढ़ाएं.
शुक्र से संबंधित बीमारी शुक्राणु से संबंधित समस्या, मलमूत्र, शारीरिक शक्ति है तो उसके उपाय के लिए पंचामृत, शहद, घृत से शिवलिंग का अभिषेक करें.
शनि से संबंधित सभी मांस पेशियों का दर्द, जोड़ों का दर्द, वायु रोग, लकवा या पीड़ा दायक रोगों की समस्या होने पर उसके उपाय के लिए- गन्ने के रस व छाछ से शिविलिंग का अभिषेक करें.
राहु-केतु से संबंधित बीमारी जैसे सिर चकराना, मानसिक परेशानी, उल्टी, दस्त अपच, पेट में या दिमाग में किड़े होना, कलर ब्लाइन्ड्नेस समस्याओं से मुक्ति पाने के लिए शिवलिंग पर गन्ने का रस व छाछ अर्पित करें और महामृत्युंजय का सवा लाख बार जाप करें.