जनता से रिश्ता वेबडेस्क। Shiv Ji Blessings: वैसे तो भगवान शिव की पूजा 12 माह में से कभी भी की जा सकती है लेकिन हिंदू कैलेंडर के अनुसार साल का पांचवा महीना सावन का होता है. ये माह भगवान शिव को ही समर्पित होता है और इस माह में भोलेनाथ की पूजा करने से विशेष फलों की प्राप्ति होती है. सावन में भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए कोई नियमित रूप से जल अर्पित करता है, तो कोई सोमवार के व्रत रखता है. अलग-अलग तरीकों से भगवान शिव की कृपा पाने के लिए कई तरह के प्रयास किए जाते हैं.
ग्रंथों में भी भगवान शिव को प्रसन्न करने के कई उपायों के बारे में बताया गया है. मान्यता है कि सावन में विभिन्न धातुओं और रत्नों से बने शिवलिंग का अभिषेक करने से व्यक्ति की सभी इच्छाएं पूरी होती हैं. आइए जानते हैं किस धातु और रत्न की पूजा से व्यक्ति को किन फल की प्राप्ति होती है.
धातु के शिवलिंग की पूजा
मान्यता है कि अगर लोहे से बने शिवलिंग का नियमित रूप से शुद्ध जल से अभिषेक किया जाए, तो शत्रओं का नाश होता है. वहीं, ताबें से बने शिवलिंग पर अभिषेक करने से लंबा और स्वस्थ जीव की प्राप्ति होती है.
- पीतल के शिवलिंग के अभिषेक से व्यक्ति को सांसारिक सुखों की प्राप्ति होती है. वहीं, मान-सम्मान के लिए व्यक्ति को चांदी के शिवलिंग का अभिषेक करना चाहिए.
- कहते हैं कि सोने की शिवलिंग का अभिषेक करने से व्यक्ति को लंबी उम्र और धन लाभ की प्राप्ति होती है. और कांसे के शिवलिंग से व्यक्ति को प्रसिद्धि मिलती है.
रत्नों के शिवलिंग
ग्रंथों के अनुसार स्फटिक के शिवलिंग का अभिषेक करने से व्यक्ति की सभी इच्छाएं पूरी हो जाती है. हीरे से बने हुए शिवलिंग की पूजा करने से व्यक्ति की उम्र लंबी होती है. नीलम से बने शिवलिंग का अभिषेक करने से मान-सम्मान की प्राप्ति होती है.
अगर आप रोगों से छुटकारा पाना चाहते हैं तो मोती के शिवलिंग की पूजा करें. रूबी शिवलिंग से सूर्य, मूंगे से मंगल और पन्ने से बने शिवलिंग की पूजा से बुध ग्रह दोषों से मुक्ति मिलती है. पुखराज से बने शिवलिंग की पूजा करने से व्यक्ति के वैवाहिक जीवन में खुशहाली आती है.
पारद से बने शिवलिंग की पूजा करने से सभी सुखों की प्राप्ति होती है. इसलिए शास्त्रों मे इस शिवलिंग को सबसे विशेष माना गया है. मान्यता है कि पारद से बने शिवलिंग की पूजा करने से व्यक्ति कभी गरीब नहीं होता. उस पर देवी लक्ष्मी की कृपा सदैव बनी रहती है.