ओंकारेश्वर मंदिर में माता पार्वती संग हैं शिव, जानिए इसकी खासियत

Update: 2023-04-18 09:30 GMT
सनातन धर्म में ईश्वर आराधना को सर्वोत्तम माना जाता है। लेकिन इसके साथ ही देवी देवताओं के पवित्र स्थलों व मंदिरों का भी विशेष महत्व होता है। मान्यता है कि मंदिरों में दर्शन व पूजन करने से साधक को ईश्वर कृपा मिलती है और मन व मानसिक शांति भी प्राप्त होती है। यूं तो भारत में कई ऐसे मंदिर है जो अपनी भव्यता और वास्तुकला से लोगों को अपनी ओर आकर्षित करते है लेकिन कई मंदिरों को उनके रहस्यों और चमत्कारों के कारण जाना जाता है।
 तो आज हम आपको अपने इस लेख में भगवान शिव के एक ऐसे ही पवित्र और पूजनीय तीर्थ स्थल यानी मंदिर के बारे में बता रहे हैं जहां भगवान भोलेनाथ माता पार्वती संग विराजमान है। जिसे ओंकारेश्वर मंदिर के नाम से जाना जाता हैं, तो आइए जानते है।
 ओंकारेश्वर मंदिर से जुड़ी जानकारी—
देशभर में भगवान शिव के कुल 12 ज्योतिर्लिंग है जो दुनियाभर में प्रसिद्ध माने जाते है। इनमें दो ज्योतिर्लिंग मध्यप्रदेश और उज्जैन में स्थिति है। जिसकी अपनी मान्यता है। यहां पर भक्त भगवान के दर्शन और पूजन के लिए बड़ी दूर दूर से आते है। ये ज्योतिर्लिंग भक्तों की आस्था का मुख्य केंद्र भी माना जाता है। वही दूसरे ज्योति​र्लिंग की बात करें तो वह खंडवा में नर्मदा नदी के किनारे है। जिसे ओंकारेश्वर मंदिर के नाम से जाना जाता है।
 इस पवित्र मंदिर में भगवान शिव माता पार्वती के साथ विराजमान है। आपको बता दें कि इस मंदिर का निर्माण उत्तर भारतीय वास्तुकला के अनुसार किया गया है। ये मंदिर पूरे पांच मंजिला बना हुआ है। इस मंदिर के सबसे नीचे श्री ओंकारेश्वरन देव, फिर श्री महाकलेश्वर, श्री सिद्धनाथ, श्री गुप्तेश्वर और अंत में ध्वजाधारी देवता विराजमान है। मान्यता है कि इस पवित्र मंदिर के दर्शन और पूजन करने से भक्तों की हर मनोकामना पूर्ण हो जाती है और सुख समृद्धि होती है।
 
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