शरद पूर्णिमा आज, इन उपायों से करें देवी लक्ष्मी को प्रसन्न

पूर्णिमा तिथि की उदीयमान तिथि 20 अक्टूबर को मान्य है। रेवती नक्षत्र में 19 को चंद्र उदय होगा जो अपने आप में दुर्लभ योग है

Update: 2021-10-19 09:22 GMT

सभी पूर्णिमा में शरद पूर्णिमा का विशेष महत्व होता है। आज यानी 19 अक्टूबर, मंगलवार को शरद पूर्णिमा का त्योहार मनाया जा रहा है। आश्विन मास की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा कहा जाता है, चंद्रमा आज के दिन पृथ्वी के अति निकट होता है और चंद्रमा की 16 कलाओं की आभा पृथ्वी के प्रत्येक जीव और चरचर को प्रभावित करती है। 19 अक्टूबर की रात्रि चंद्रमा पूर्णतः अपनी सम्पूर्ण 16 कलाओं से परिपूर्ण होगा और पूर्णिमा तिथि की उदीयमान तिथि 20 अक्टूबर को मान्य है। रेवती नक्षत्र में 19 को चंद्र उदय होगा जो अपने आप में दुर्लभ योग है, क्योंकि बुध के नक्षत्र में यह पूर्णिमा समस्त तरल पदार्थों को प्रभावित करेगा। कुछ विशेष प्रयोग हैं जो पूर्णिमा में करने से अत्यंत लाभकारी सिद्ध होते हैं।

लक्ष्मी पूजन और लक्ष्मी प्राप्ति 

गाय का घी : रात्रि समय में घी को चंद्रमा की रोशनी में रखें उसके उपरांत घी को सुरक्षित रखें और दीपावली पर इस घी का दीपक प्रज्जवलित करें। इससे मां लक्ष्मी की अनंत कृपा प्राप्त होती है और घर मे ख़ुशी का वातावरण बनता है, जो बच्चे शारीरिक तौर पर दुर्बल हों, यदि इस घी से उनकी मालिश की जाए तो स्वास्थ्य में लाभ होगा।

बच्चों के अच्छे स्वास्थ्य के लिए 

शहद : पूर्णिमा की रात्रि में शहद को चंद्रमा की रोशनी में रखें उसके उपरान्त यह शहद औषधि के रूप में कार्य करेगा, जो बच्चे मंदबुद्धि हों या जिनकी स्मरण शक्ति अच्छी न हो, पढ़ने में कमजोर हों, या जल्दी थक जाते हैं उनको इस शहद का सेवन करना चाहिए।

अच्छे स्वास्थ्य और बीमारी से मुक्ति

चावल : जो लोग किसी बीमारी से ग्रसित हों  या घर में बीमारी का माहौल बना हुआ हो वो लोग सफ़ेद कपड़े पर चावल रख दें। कुछ देर चंद्रमा की रोशनी में रखने के बाद उसको अगली सुबह किसी मंदिर में दान कर दें। स्वास्थ्य में सुधार होगा।

पितृदोष या कालसर्प दोष की शांति 

दूध : गाय के दूध को एक पात्र में चंद्रमा की रोशनी में रखें और उसको पूरे घर मे छिड़क दें इससे घर की नकारात्मक शक्तियां या जिनकी कुंडली में पितृदोष या कालसर्प दोष हो वह शांत होता है।

जीवन की बाधा दूर करने के लिए

चंद्रमा की रोशनी में गंगाजल रखें और उस गंगा जल से भगवान शिव का अभिषेक करें इससे आपके जीवन में आने वाली समस्त परेशानियों से मुक्ति मिलती है।

दूध का खीर

खीर बना कर रात्रि समय में चंद्रमा की रोशनी में रखें और उसके बाद खीर का सेवन करना चाहिए इससे अच्छा स्वास्थ्य और लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है।

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