Sharad Purnima 2021: शरद पूर्णिमा के दिन करें महालक्ष्मी स्तोत्र का पाठ
शरद पूर्णिमा को मां लक्ष्मी का अवतरण दिवस माना जाता है। समुद्र मंथन की पौराणिक कथा के अनुसार इस दिन ही मां लक्ष्मी समुद्र से उत्पन्न हुई थीं।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | शरद पूर्णिमा को मां लक्ष्मी का अवतरण दिवस माना जाता है। समुद्र मंथन की पौराणिक कथा के अनुसार इस दिन ही मां लक्ष्मी समुद्र से उत्पन्न हुई थीं। इसलिए शरद पूर्णिमा का दिन मां लक्ष्मी का पूजन करने और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए उत्तम माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन रात्रि काल में मां लक्ष्मी धरती पर भ्रमण करती हैं। देखती हैं कि जिस घर में साफ-सफाई है और मां लक्ष्मी के मंत्रों, स्तोत्रों का जाप होता है, उस घर में वो प्रवेश करती हैं। मां लक्ष्मी के प्रवेश का अर्थ आपके घर से दुख-दारिद्रय का नाश और सुख-समृद्धि का आगमन होता है। इस कारण ही शरद पूर्णिमा को कोजागिरी पूर्णिमा या जागृत पूर्णिमा भी कहते हैं। इस पूर्णिमा पर रात्रि जागरण का विशेष महत्व है।
शरद पूर्णिमा पर मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए सबसे सरल उपाय है महालक्ष्मी स्तोत्र का पाठ करना। शरद पूर्णिमा की रात्रि में चंद्रोदय के बाद मां लक्ष्मी का विधि पूर्वक पूजन करें। उन्हें इस दिन सुगंधित इत्र, गुलाबी फूल और खीर जरूर अर्पित करना चाहिए। इसके साथ महालक्ष्मी स्तोत्र का पाठ करें। आपके घर से दुख-दारिद्रय हमेशा के लिए समाप्त हो जाएगा और सुख-समृद्धि का वास होगा।