इन राशि वालों पर शनिदेव की नहीं रहेगी टेढ़ी नजर, जानें इसकी वजह

ज्योतिष शास्त्र में शनि को बेहद धीमी गति वाला ग्रह माना गया है।

Update: 2022-04-04 09:06 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क |  ज्योतिष शास्त्र में शनि को बेहद धीमी गति वाला ग्रह माना गया है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शनि को एक राशि से दूसरी राशि में आने में करीब ढ़ाई साल का समय लगता है। वर्तमान में शनि मकर राशि में विराजमान हैं। लेकिन जल्द ही शनि मकर राशि से निकलकर कुंभ राशि में गोचर करने वाले हैं।

शनिदेव जब राशि परिवर्तन करते हैं तो किसी राशि पर शनि ढैय्या और किसी राशि पर शनि की साढ़ेसाती शुरू होती है। ऐसे में उन राशियों से संबंधित जातकों को शनि पीड़ा का सामना करना पड़ता है। वहां, शनि गोचर के समय जिन राशि से शनिदेव निकलेंगे, उन जातकों को महादशा से राहत मिलेगी। जानें किन राशि वालों को शनि की पीड़ा से मिलने वाली है मुक्ति-
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29 अप्रैल 2022 को शनि मकर से निकलकर कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे। शनि के राशि परिवर्तन से धनु राशि वालों को शनि की साढ़े साती से मुक्ति मिल जाएगी। वहीं, मिथुन व तुला राशि वालों को शनि ढैय्या से मुक्ति मिलेगी।
इन राशि वालों की बढ़ेंगी मुश्किलें-
शनि 29 अप्रैल 2022 को मकर राशि से कुंभ राशि में करीब 30 साल बाद गोचर करेंगे। इसके बाद 12 जुलाई से फिर वक्री अवस्था में मकर राशि में गोचर करेंगे। शनि की वक्री अवस्था का अर्थ उल्टी चाल से है। जिसके बाद मिथुन, तुला व धनु राशि वालों पर फिर से शनि की दशा शुरू होगी। इन तीन राशि वालों को साल 2023 में शनि की दशा से पूरी तरह से मुक्ति मिलेगी।


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