रासलीला देखने के लिए कोयल बन छुपे थे शनि देव
श्रीकृष्ण की ब्रजभूमि में कोसीकलां से 10 किमी दूर पश्चिम में कोकिलावन है. यह वो क्षेत्र है
श्रीकृष्ण की ब्रजभूमि में कोसीकलां से 10 किमी दूर पश्चिम में कोकिलावन है. यह वो क्षेत्र है, जिसके बारे में मान्यता है कि यहां पर शनि देव कोयल बनकर पेड़ों के झुरमुट में बैठ गए थे और उन्होंने छिपकर श्रीकृष्ण की रासलीला देखी. बाल्यावस्था में कृष्ण गोपियों के साथ रात को रास रचाते थे. देवताओं में देखने की बड़ी लालसा रहती थी. शनि देव भी रास देखने के लिए आए. चूंकि उनका रूप भयंकर था, इसलिए उन्होंने कोयल पक्षी का रूप धारण कर लिया, ताकि किसी की नजर भी पड़ जाए तो कोई समस्या न हो. हालांकि, कन्हैया ने शनि देव को पहचान लिया. किवदंतियां हैं कि तब शनि ने कृष्ण के प्रियजनों को न सताने का वचन दिया था. इसलिए सदियों से ही यहां हर शनिवार को बड़ी संख्या में दूर-दूर के लोग आते हैं. जन्माष्टमी (Janmashtami) आने वाली है तो जानते हैं इस कोकिलावन के बारे में.