शनि अमावस्या? कब है किस दिन लगेगा सूर्य ग्रहण, जानें मुहूर्त एवं महत्व

वैशाख अमावस्या के दिन शनिवार होने के कारण शनि अमावस्या (Shani Amavasya) है,

Update: 2022-04-23 13:32 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क |  वैशाख अमावस्या के दिन शनिवार होने के कारण शनि अमावस्या (Shani Amavasya) है, जिसे शनिश्चरी अमावस्या भी कहते हैं. हर माह के कृष्ण पक्ष की 15वीं तिथि को अमवास्या होती है. इस तिथि को कृष्ण पक्ष का समापन होता है और अगली तिथि से शुक्ल पक्ष प्रारंभ होता है. इस बार शनि अमावस्या पर सूर्य ग्रहण (Surya Grahan) भी लग रहा है, जो साल 2022 का पहला सूर्य ग्रहण है. 30 अप्रैल को देर रात सवा बारह बजे से लगेगा. हालां​कि भारत में आंशिक सूर्य ग्रहण होने के कारण सूतक काल मान्य नहीं होगा. तिरुपति के ज्योतिषाचार्य डॉ. कृष्ण कुमार भार्गव से जानते हैं शनि अमावस्या की तिथि एवं महत्व के बारे में.

शनि अमावस्या तिथि 2022
पंचांग के अनुसार, वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि 29 अप्रैल को देर रात 12:57 बजे से शुरु हो रही है, जो 30 अप्रैल दिन शनिवार को देर रात 01:57 बजे तक रहेगी. उदयातिथि के आधार पर वैशाख अमावस्या या शनि अमावस्या 30 अप्रैल को मनाई जाएगी.
अमावस्या का स्नान-दान मुहूर्त
शनि अमावस्या के दिन 30 अप्रैल को प्रात: काल से ही प्रीति योग है, जो 03:20 पीएम तक रहेगा. उसके बाद से आयुष्मान योग शुरु हो जाएगा. अश्विनी नक्षत्र भी रात 08 बजकर 13 मिनट तक है. ये योग और नक्षत्र मांगलिक कार्यों के लिए शुभ माने जाते हैं, इसलिए आप शनि अमावस्या के दिन सुबह से स्नान और दान कर सकते हैं.
अमावस्या के दिन पवित्र नदियों में स्नान करने और दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है. इस दिन पितरों की भी पूजा करते हैं. अमावस्या के दिन पिंडदान, तर्पण, श्राद्ध कर्म आदि करने से पितरों की आत्मा तृप्त होती है और वे प्रसन्न होते हैं.
शनि अमावस्या का महत्व
शनि अमावस्या के दिन आपको कर्मफलदाता शनि देव की पूजा अर्चना करनी चाहिए. सुबह स्नान और दान के बाद किसी शनि मंदिर में जाकर शनि देव की पूजा करें. उनको काला या नीला वस्त्र, नीले फूल, काला तिल, सरसों का तेल आदि अर्पित करना चा​हिए. जिन पर साढ़ेसाती या ढैय्या का प्रभाव है, उनको छाया दान करना चाहिए.
इस दिन आप गरीब और जरूरतमंद लोगों को छाता, जूते-चप्पल, उड़द की दाल, काला तिल, सरसों का तेल, शनि चालीसा आदि का दान करना चाहिए. गरीबों को भोजन कराने और असहाय लोगों की मदद करने से भी शनि देव प्रसन्न होते हैं. इस दिन आप शनि देव के मंत्रों का जाप करके भी उनकी कृपा प्राप्त कर सकते हैं.


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