हनुमान जी की पूजा से जुड़े सात जरूरी नियम, जानिए

मंगलवार के दिन हनुमान जी की साधना करने पर हनुमत साधक को विशेष फल की प्राप्ति होती है, लेकिन बजरंगी की साधना के लिए कुछ नियम भी हैं, जिसे हर उपासक को पालन करना चाहिए. हनुमान जी की पूजा से जुड़े सात जरूरी नियम को जानने के लिए पढ़ें ये लेख.

Update: 2021-10-12 05:43 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कलयुग में हनुमान जी सबसे ज्यादा पूजे जाने वाले देवता है. वे शक्ति के पुंज, तेज की साकार प्रतिमा और साहस के प्रतीक हैं. उनका नाम लेते ही बड़े से बड़ा संकट टल जाता है. इसीलिए उनके भक्त श्रद्धा से उन्हें संकटमोचक कहकर बुलाते हैं. आजीवन ब्रह्मचारी और वानर कुल से होने के बावजूद श्री हनुमान जी सर्वगुण संपन्न, तमाम प्रकार की सिद्धियों से युक्त, सर्व समर्थ देवता हैं. जिनकी साधना-आराधना से साधक की सभी प्रकार की मनोकामनाएं पूरी होती हैं और सभी संकट पलक झपकते दूर हो जाते हैं. आज श्री हनुमान जी की पूजा का ​विशेष दिन मंगलवार है और आज के दिन हनुमान जी की पूजा का फल शीाघ्र ही मिलता है लेकिन उनकी पूजा के कुछ विशेष नियम भी हैं, जिन्हें करने पर उनकी कृपा अवश्य प्राप्त होती हैं. आइए जानते हैं हनुमान जी की पूजा से जुड़ी कुछ जरूरी बातें.

किसी भी समय कर सकते हैं हनुमान जी की पूजा
हनुमान एक मात्र ऐसे देवता हैं जिनकी उपासना कभी भी की जा सकती है, उनकी पूजा के लिए किसी विशेष मुहूर्त को देखने की जरूरत नहीं पड़ती है. हालांकि शुभता की दृष्टि से मंगलवार अपने आप में सर्वश्रेष्ठ है.
हनुमान जी की पूजा में रखें साफ-सफाई का विशेष ध्यान
हनुमत पूजा करते समय आप साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें और हमेशा स्नान-ध्यान के बाद स्वच्छ कपड़े धारण करके ही उनकी पूजा प्रारंभ करें.
हनुमान जी की पूजा में ब्रह्मचर्य का करें पालन
हनुमान की साधना में ब्रह्मचर्य का पालन करना अति आवश्यक है, इसलिए जब तक हनुमत साधना करें तो स्त्री संसर्ग से दूर रहें और कामुक विचार अपने मन में न लाएं.
हनुमान जी की मूर्ति को स्त्रियां न करें स्पर्श
श्री हनुमान जी की उपासना क्या पुरुष और क्या स्त्री सभी लोग कर सकते हैं लेकिन स्त्रियों को कभी भी हनुमान जी की मूर्ति को स्पर्श नहीं करना चाहिए.
हनुमत साधक को नहीं करना चाहिए कोई नशा
यदि आप हनुमान जी की उपासना करते हैं तो आपको सभी प्रकार के नशे से दूर रहना चाहिए और मांस-मदिरा का सेवन बिल्कुल नहीं करना चाहिए.
हनुमान जी का प्रसाद में न चढ़ाएं चरणामृत
हनुमान की पूजा में चरणामृत नहीं चढ़ाया जाता है. ऐसे में भूलकर भी उनकी पूजा चरणामृत का प्रयोग न करें.
हनुमान जी को शुद्ध घी से बना प्रसाद चढ़ाएं
हनुमान जी को जो भी भोग या फिर नैवेद्य चढ़ाएं, उसे शुद्ध घी में बहुत ही शुद्धता के साथ बनाएं. यदि संभव हो तो गाय के घी का प्रयोग करें.


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