देखें अप्रैल माह के शुभ विवाह मुहूर्त,कब से आरंभ होंगे शुभ लग्न

शादी विवाह जैसे मांगलिक कार्यों के लिए ग्रह नक्षत्रों की स्थितियों का विचार किया जाता है।

Update: 2022-04-09 08:58 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। शादी विवाह जैसे मांगलिक कार्यों के लिए ग्रह नक्षत्रों की स्थितियों का विचार किया जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार विवाह मुहूर्त शुक्र और गुरु तारे की स्थिति के आधार पर निश्चित किए जाते हैं। यदि गुरु या शुक्र अस्त होते हैं तो ऐसी स्थिति में किसी भी प्रकार के मांगलिक कार्यों के लिए मुहूर्त नहीं निकाला जाता है। दोनों के उदय होने की स्थिति में ही विवाह जैसे शुभ कार्य संपन्न होते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अप्रैल माह की 17 तारीख से शादियों के लिए शुभ मुहूर्त आरंभ हो जाएंगे जो कि 8 जुलाई तक रहेंगे। अप्रैल माह में कुल 5 दिन विवाह संपन्न हो पाएंगे। सबसे ज्यादा विवाह मुहूर्त मई में 15 और जून में 12 दिन रहेंगे। इसके साथ ही जुलाई से नवंबर के बीच 109 दिन ऐसे हैं जब कोई भी विवाह मुहूर्त नहीं है। आइए जानते हैं अप्रैल माह में किस तारीख को विवाह संपन्न होंगे।

अप्रैल माह के विवाह मुहूर्त
अप्रैल माह में कुल 5 दिन विवाह का शुभ मुहूर्त रहेगा। अप्रैल माह में 17 अप्रैल, 19 अप्रैल, 23 अप्रैल , 27 अप्रैल और 28 अप्रैल को विवाह के शुभ मुहूर्त रहेंगे।
अन्य महीनों के विवाह मुहूर्त
मई माह में कुल 15 विवाह मुहूर्त बन रहे हैं जो 2 मई से 4 मई , 9 मई से 20 मई , 24 मई से 31 मई तक रहेंगे।
जून माह में कुल 12 विवाह मुहूर्त बन रहे हैं जो 1,3 से 17, 21 से 23, 26 तारीख रहेंगे।
जुलाई माह में कुल 5 विवाह मुहूर्त 2, 3, 5, 6, 8 तारीख तक रहेंगे।
नवंबर महीने में मात्र 3 विवाह मुहूर्त हैं। यह विवाह मुहूर्त 26, 27, 28 तारीख तक रहेंगे।
इतने दिन नहीं होंगे लग्न
अप्रैल माह में 17 तारीख से विवाह योग बन रहे हैं। इसके बाद अक्षय तृतीया जो कि 3 मई को है। यह अबूझ मुहूर्त माना जाता है। 8 जुलाई भड़ली नवमी तक विवाह होंगे। 9 जुलाई के बाद विवाह नहीं होंगे और फिर 26 नवंबर गुरु-शुक्र के उदय काल से विवाह आरंभ होंगे। यानि कुल 109 दिन विवाह नहीं होंगे।
अप्रैल माह में नामकरण और गृहप्रवेश मुहूर्त
अप्रैल माह में नामकरण के लिए कुल 6 शुभ मुहूर्त बने रहे हैं। जिसमे अप्रैल माह की 1, 3, 6, 10, 11 और 15 तारीख को नामकरण किया जा सकता है। लेकिन गृह प्रवेश के लिए मात्र एक ही मुहूर्त निकल रहा है जो कि 26 अप्रैल को रहेगा।
कैसे निकाला जाता है विवाह मुहूर्त
विवाह संस्कार के लिए जन्म राशि के आधार पर एक निश्चित तिथि, वार, नक्षत्र और समय निकाला जाता है। जब कुंडली में गुण मिलान की प्रक्रिया संपन्न हो जाती है तब वर-वधू की जन्म राशि के आधार पर विवाह संस्कार के लिए निश्चित तिथि, वार, नक्षत्र तथा समय को निकाला जाता है, जो विवाह मुहूर्त कहलाता है।
विवाह मुहूर्त के लिए गुरुबल और सूर्यबल पर विचार जरूरी
वधू की राशि में बृहस्पति यदि द्वितीया, पंचम, सप्तम, नवम और एकादश भाव में हो तो वो शुभ माना जाता है और चतुर्थ, अष्टम, और द्वादश भाव में गुरु होना अशुभ माना जाता है। ठीक इसी प्रकार वर की राशि में यदि सूर्य तृतीय, षष्ठम, दशम और एकादश भाव में हो तो वो शुभ होता हैं इसके अलावा चतुर्थ, अष्टम, द्वादश भाव अशुभ माना जाता है।


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