शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को है सावन माह का दूसरा प्रदोष व्रत

सावन माह का दूसरा प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat) शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को है. पहला प्रदोष व्रत कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को था

Update: 2022-07-30 08:41 GMT

सावन माह का दूसरा प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat) शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को है. पहला प्रदोष व्रत कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को था. सावन का दूसरा प्रदोष व्रत 09 अगस्त दिन मंगलवार को है. इस दिन प्रदोष व्रत के साथ मंगला गौरी व्रत का भी संयोग है. प्रदोष व्रत शिव पूजा और मंगला गौरी व्रत (Mangala Gauri Vrat) माता पार्वती की पूजा का दिन है. ऐसे में आप इस दिन व्रत और पूजा करके भगवान शिव और माता पार्वती दोनों के ही आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं. काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट से जानते हैं सावन के दूसरे प्रदोष व्रत की तिथि और शिव पूजा का शुभ मुहूर्त.

सावन प्रदोष व्रत 2022 तिथि
पंचांग के अनुसार, सावन माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि का प्रारंभ 09 अगस्त दिन मंगलवार को शाम 05 बजकर 45 मिनट से हो रहा है. यह तिथि अगले दिन 10 अगस्त को दोपहर 02 बजकर 15 मिनट तक मान्य रहेगी.
प्रदोष व्रत में प्रदोष काल की शिव पूजा का शुभ मुहूर्त देखा जाता है. इस आधार पर त्रयोदशी तिथि में प्रदोष पूजा मुहूर्त 09 अगस्त को प्राप्त हो रहा है, इसलिए प्रदोष व्रत भी 09 अगस्त को ही रखा जाएगा. सावन का दूसरा प्रदोष व्रत मंगलवार के दिन होने के कारण यह भौम प्रदोष व्रत है.
भौम प्रदोष व्रत 2022 पूजा मुहूर्त
09 अगस्त को जो लोग प्रदोष व्रत रखेंगे, वे लोग शाम को 07 बजकर 06 मिनट से रात 09 बजकर 14 मिनट के बीच शिव जी की पूजा कर सकते हैं. य​ह प्रदोष व्रत की पूजा का शुभ समय है. इस ​दिन आपको शिव पूजा के लिए 2 घंटे से अधिक का समय प्राप्त होगा.
प्रदोष व्रत का महत्व
प्रदोष व्रत रखने और शिव पूजा करने से सभी दुख, रोग, ग्रह दोष आदि मिट जाते हैं. उत्तम स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है. शिव कृपा से पुत्र, धन, धान्य आदि प्राप्त होता है और मनोकामनाएं भी पूर्ण होती हैं सोर्स न्यूज़ 18 .


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