सावन का पहला प्रदोष 15 जुलाई को:शिव पुराण का कहना है शनि प्रदोष के संयोग में शिव पूजा से दूर होती हैं परेशानियां

सावन का पहला प्रदोष 15 जुलाई को:शिव पुराण

Update: 2023-07-13 11:42 GMT
इस साल सावन महीने में शनिवार के दिन प्रदोष का संयोग बन रहा है। शिव पूजा के इस महीने में शनि प्रदोष का ये विशेष योग शनि दोष से मुक्ति पाने के लिए बहुत ही खास है। ये संयोग 15 जुलाई को बन रहा है। इसके बाद 2024 में 17 अगस्त को सावन महीने का शनि प्रदोष रहेगा।
सावन में शिव और शनि पूजा
सावन में शनि प्रदोष का संयोग कम ही बन पाता है। इस संयोग में की गई पूजा से शनि के अशुभ प्रभाव से होने वाली तकलीफों से राहत मिलती है। जो लोग शनि की महादशा, साढ़ेसाती और ढय्या से परेशान हैं उनके लिए 15 जुलाई का शनि प्रदोष बहुत खास है। इस दिन वृद्धि और ध्रुव नाम के दो शुभ योग भी बन रहे हैं। जिससे पूजा का शुभ फल और बढ़ जाएगा।
प्रदोष यानी शुक्ल और कृष्णपक्ष की तेरहवीं तिथि
शुक्ल और कृष्णपक्ष की त्रयोदशी यानी तेरहवीं तिथि को प्रदोष कहा जाता है। शिवपुराण के अनुसार शिवजी की प्रिय तिथि होने से प्रदोष में की गई शिव पूजा का विशेष फल मिलता है। भगवान शिव ही शनि देव के गुरू हैं। इसलिए सावन महीने में शनिवार के दिन शिव पूजा करने से शनिदोष के कारण होने वाली तकलीफों से राहत मिलती हैं।
जरूरतमंद को कपड़े, अन्न और जूते-चप्पल का दान करें
शनिप्रदोष के दिन व्रत, पूजा और दान करने से सुख और सौभाग्य बढ़ता है। शारीरिक परेशानियां दूर होती हैं। उम्र बढ़ती है। संपत्ति और धन लाभ भी होता है। शनि प्रदोष के दिन जरूरतमंद लोगों को कपड़े और अन्न दान के साथ ही जूते-चप्पल का भी दान करने से जाने-अनजाने में हुए पाप खत्म हो जाते हैं।
पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र ने बताया कि इस दिन रुद्राभिषेक और शनिदेव का तेलाभिषेक करने के बाद चांदी के नाग नागिन की पूजा करनी चाहिए। फिर उन्हें पवित्र नदी में बहा देना चाहिए।
शिवजी का अभिषेक करने से पितृदोष भी खत्म होता है। इसके साथ ही शनिदेव का तेल से अभिषेक करने से भी हर तरह की परेशानियां खत्म हो जाती हैं।
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