व्यक्ति के जीवन में ग्रहों की दृष्टि और प्रभाव का बहुत असर पड़ता हैं। इन्हीं में दो ग्रह हैं राहु-केतु जिनकी कुदृष्टि जीवन में आने वाले कष्टों का कारण बनती हैं जिससे मृत्यु तक होने की संभावना रहती है। ऐसे में व्यक्ति कि कुंडली में कालसर्प योग बनने लगता हैं। इसलिए आज इस कड़ी में हम आपके लिए सावन में किए जाने वाले शिव के कुछ उपाय बताने जा रहे हैं जो राहु-केतु को प्रसन्न करेंगे और आपके कष्टों का निवारण करेंगे। तो आइये जानते हैं इन उपायों के बारे में।
- सोमवार के दिन व्रत रखना चाहिए। एवं सच्चे मन से विधिवत् शिव जी की आराधना करनी चाहिए। संध्या काल में शिव जी के सामने दीपक प्रज्वलित करें, एवं शिव जी को सफेद भोज्यपदार्थों खीर, मावे की मिठाई और दूध से बने पदार्थों का प्रसाद चढ़ाए और फिर स्वयं ग्रहण करें।
- अगर राहु महादशा चल रही हो और सूर्य, चंद्र तथा मंगल का अंतर आपको कष्ट पहुंचा रहा हो। तो ऐसे समय में नित्य प्रतिदिन भगवान शिव को बिल्व पत्र चढ़ाकर दुग्धाभिषेक करना बहुत लाभकारी होता है।
- अगर आपके जन्मांक में स्थित राहु ग्रह, चंद्र, सूर्य को दूषित कर रहा है, तो जातक को भगवान शिव की सच्चे मन से आराधना करना चाहिए। भगवान भोले नाथ भक्त की पवित्र श्रद्धा पूर्ण आराधना से बहुत जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं। सच्चे हृदय से शिव की आराधना करनी चाहिए ढोंग या दिखावा नहीं करना चाहिए।
- राहु की महादशा अथवा अंतर प्रत्यंतर काफी कष्टकारी होती है ऐसे समय में भगवान शिव का अभिषेक करवाना चाहिए, और शिवपुराण का पाठ करना चाहिए। राहु की दशा में लगातार शिव के मंत्र ॐ नमः शिवाय का जाप करना चाहिए। इससे कष्ट में राहत मिलती है।