Sawan Shivratri ज्योतिष न्यूज़: हिंदू धर्म में कई सारे व्रत त्योहार पड़ते हैं और सभी का अपना अलग महत्व होता है लेकिन सावन शिवरात्रि को बेहद ही खास माना जाता है जो कि महादेव की साधना आराधना का दिन होता है इस दिन भक्त प्रभु की भक्ति में लीन रहते हैं और दिनभर उपवास आदि भी रखते हैं माना जाता है कि ऐसा करने से शिव शम्भू की कृपा बरसती है पंचांग के अनुसार सावन माह की शिवरात्रि 2 अगस्त दिन शुक्रवार यानी की आज देशभर में धूमधाम के साथ मनाई जा रही है
इस दिन भक्त शिव मंदिरों में जाकर भगवान भोलेनाथ की विधिवत पूजा अर्चना करते हैं माना जाता है कि ऐसा करने से महादेव प्रसन्न होकर कृपा बरसाते हैं। इस साल सावन की शिवरात्रि पर कई दुर्लभ योगों का संयोग बन रहा है ऐसे में शिव साधना उत्तम फल प्रदान करेगी। अगर आप आज शिवलिंग का जलाभिषेक कर रहे हैं तो आज हम आपको जलाभिषेक की संपूर्ण विधि बता रहे हैं तो आइए जानते हैं।
शिवलिंग जलाभिषेक की विधि—
आपको बता दें कि सावन शिवरात्रि पर शिवलिंग का जलाभिषेक करना उत्तम माना जाता है इस दिन सबसे पहले शिवलिंग का गंगाजल से अभिषेक करें। शिव का अभिषेक लोटे से ही करें। इसके बाद कच्चे दूध से अभिषेक करें अब सामान्य जल से अभिषेक करें इसके बाद अपनी इच्छा अनुसार पीतल के लोटे में दूध, दही, शहद, गंगाजल और जल मिलाकर पंचामृत तेयार करें इसके बाद शिवलिंग का अभिषेक पंचामृत से करें।
अभिषेक के दौरान ॐ नमः शिवाय मंत्र या फिर महामृत्युंजय मंत्र का भक्ति भाव से जाप करें। अभिषेक के बाद शिवलिंग पर भांग, धतूरा, बेलपत्र, शमी के पत्ते, पुष्प और फल अर्पित करें शिव के समक्ष धूप, दीपक जलाएं इस दौरान मंत्र या चालीसा का पाठ जरूर करें अंत में शिव की आरती कर पूजा को समाप्त करें।