Sawan Shivratri 2024: शिवरात्रि के दिन क्या करना चाहिए,ये हैं जरूरी नियम

Update: 2024-07-31 03:10 GMT
Sawan Shivratri 2024: प्रत्येक वर्ष सावन माह में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को शिवरात्रि का पावन पर्व मनाया जाता है. यह पर्व भगवान भोलेनाथ को समर्पित होता है. मान्यता है कि शिवरात्रि के दिन भोलेनाथ और माता पार्वती की पूजा अर्चना करने और उपवास रखने से भक्तों को इन दोनों की विशेष कृपा प्राप्त होती है शिवरात्रि के व्रत के बहुत महत्व माने जाते हैं. इस दिन खास तौर पर अविवाहित लोग शीघ्र विवाह की कामना से भोलेनाथ और माता पार्वती की पूजा अर्चना करते हैं. अखंड सौभाग्य और संतान प्राप्ति की कामना के लिए ये
व्रत रखा जाता
है. इस दिन व्रत रखने से जातक को सुख, शांति और सौभाग्य की प्राप्ति होती है. इस खास व्रत के कुछ जरूरी नियम माने गए हैं जिनका पालन करना जरूरी होता है
सावन शिवरात्रि के दिन करें ये कार्य
सावन शिवरात्रि के दिन सुबह जल्दी उठें और घर की अच्छे से साफ सफाई के बाद स्नान आदि करें. यदि संभव हो तो इस दिन उपवास जरूर रखना चाहिए. अब किसी शिव मंदिर में जाकर सबसे पहले गणेश जी का स्मरण करें और उनको प्रणाम करें. अब गंगाजल से भगवान शिव का अभिषेक करें. भगवान शिव का अभिषेक लोटे से ही करें. इसके बाद कच्चे दूध से अभिषेक करें.
अब सामान्य जल से अभिषेक करें, इसके लिए जल में बेलपत्र और सुगंध मिलाकर शिवलिंग पर अर्पित करें. आप अपनी इच्छा के अनुसार, पीतल के लोटे में दूध, दही, शहद, गंगाजल और जल मिलकर पंचामृत बना सकते हैं और इस पंचामृत से भगवान शिव का अभिषेक कर सकते हैं. अभिषेक करने के दौरान ॐ नमः शिवाय मंत्र या महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें. शिवलिंग का अभिषेक करने के बाद शिवलिंग पर भांग, धतूरा, बेलपत्र, शमी के पत्ते, पुष्प और फल आदि अर्पित करें. इस दौरान भी मंत्र जाप या शिव चालीसा का पाठ करना चाहिए.
महिलाएं पूजा के दौरान माता पार्वती को श्रृंगार का सामान जैसे हरी चूड़ियां, सिंदूर, बिंदी, मेहंदी और वस्त्र आदि अर्पित करें. मां पार्वती को सिंदूर अर्पित करने के बाद इस सिंदूर का माथे पर तिलक जरूर लगाएं, विवाहित स्त्रियां सिंदूर को मांग में भी लगाएं. अविवाहित कन्याओं को इस दौरान ‘राम रक्षा स्त्रोत’ का पाठ करना चाहिए. माता पार्वती को पुष्प और फल अर्पित करें. आखिर में पूजा का समापन आरती के साथ करें.
सावन शिवरात्रि के दिन ब्रह्मचर्य का पालन करना जरूरी होता है. हो सके तो इस शिवरात्रि की पूरी रात जागरण करें और भगवान शिव का सत्संग कीर्तन करें.
सावन शिवरात्रि के दिन भूल से भी न करें ये कार्य
सावन शिवरात्रि के दिन अन्न ग्रहण नहीं करना चाहिए. अगर आप व्रत-उपवास रख रहे हैं, तो संध्या आरती के बाद ही फलाहार करें. सावन शिवरात्रि के अगले दिन स्नान करने के बाद पूजा-पाठ करें तभी व्रत खोलें. व्रत खोलने के लिए आप अन्न ग्रहण कर सकते हैं.
सावन शिवरात्रि में दिन में सोना वर्जित माना जाता है, इसलिए शिवरात्रि के दिन भूलकर भी दिन में न सोएं.
इस दिन यदि आप किसी कारणवश उपवास नहीं रख रहे हैं तो भी इस दिन भोजन में लहसुन और प्याज आदि का प्रयोग न करें. ध्यान रखें कि इस दिन घर का माहौल पूरी तरह से शुद्ध और पवित्र होना चाहिए इसलिए घर का कोई भी सदस्य इस दिन तामसिक भोजन और शराब आदि का सेवन न करें.
सावन शिवरात्रि के दिन खट्टी चीजों का सेवन भूलकर भी नहीं करना चाहिए.
भगवान शिव की पूजा में तुलसी दल, सिंदूर या श्रृंगार की कोई भी वस्तु न चढ़ाएं. इस दिन शिवलिंग पर टूटे चावल और काले तिल भी अर्पित न करें.
शिवलिंग पर शंख से जल नहीं चढ़ाना चाहिए और शिवलिंग या शिव जी की प्रतिमा को कमल, कनेर और केतकी के फूल अर्पित नहीं करने चाहिए.
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