Sawan Purnima ज्योतिष न्यूज़ : सनातन धर्म में वैसे तो हर दिन का महत्व होता है लेकिन पूर्णिमा और अमावस्या को बेहद ही खास माना गया है जो कि हर माह में एक बार आती है अभी सावन का महीना चल रहा है और इस माह पड़ने वाली पूर्णिमा को सावन पूर्णिमा के नाम से जाना जा रहा है इस दिन स्नान दान, पूजा पाठ और तप जप का विधान होता है
मान्यता है कि सावन पूर्णिमा के दिन पूजा पाठ और व्रत करने से पुण्य फलों में वृद्धि होती है इसके साथ ही इस दिन पवित्र नदी में स्नान करने से लक्ष्मी नारायण की कृपा प्राप्त होती है। तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा सावन पूर्णिमा की तारीख और पूजा का शुभ मुहूर्त बता रहे हैं तो आइए जानते हैं।
कब है सावन पूर्णिमा?
हिंदू पंचांग के अनुसार सावन माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि 19 अगस्त को प्रात: 3 बजकर 4 मिनट से आरंभ हो रही है और इस तिथि का समापन अगले दिन रात 11 बजकर 55 मिनट पर हो जाएगा। वही उदया तिथि के अनुसार सावन पूर्णिमा का व्रत और स्नान दान 19 अगस्त को करना शुभ रहेगा। सावन पूर्णिमा के दिन ही रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाएगा। वही 19 अगस्त को ही सावन पूर्णिमा का व्रत रखकर भक्त सत्यनारायण भगवान की विधिवत पूजा करेंगे साथ ही इसी दिन अपनी क्षमता अनुसार गरीबों व जरूरतमंदों को दान पुण्य भी करेंगे।
पूर्णिमा पर पूजा का शुभ मुहूर्त—
सावन पूर्णिमा के दिन जो लोग उपवास रख रहे हैं वह ब्रह्म मुहूर्त में सुबह 4 बजकर 25 मिनट से लेकर 5 बजकर 9 मिनट के बीच स्नान कर सकते हैं इसके अलावा स्नान का दूसरा मुहूर्त 5 बजकर 53 मिनट से लेकर सुबह 8 बजकर 10 मिनट तक रहेगा। इसके बाद सावन पूर्णिमा के दिन पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 1 बजकर 53 मिनट से लेकर सुबह 8 बजकर 10 मिनट तक रहेगा।