इन राशियों पर 2022-2028 तक शनि की साढ़े साती नहीं होगी शुरू

नवग्रहों की तुलना में शनि ग्रह की गति सबसे धीमी है।

Update: 2021-07-29 06:40 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | नवग्रहों की तुलना में शनि ग्रह की गति सबसे धीमी है। ये एक राशि से दूसरी राशि में गोचर करीब ढाई साल में करते हैं। जिसके कारण इनका प्रभाव एक राशि में सबसे ज्यादा दिनों तक रहता है। साल 2021 में शनि का राशि परिवर्तन नहीं है। अब शनि 29 जुलाई 2022 को मकर राशि से निकलकर कुंभ राशि में गोचर करेंगे। जिससे शनि की साढ़े साती और शनि ढैय्या से कई राशि वालों को मुक्ति मिल जाएगी। जानिए साल 2022 से 2028 यानी अगले सात सालों में कौन-सी राशियां नहीं आएंगी शनि की साढ़े साती की चपेट में-

शनि का राशि परिवर्तन-

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शनि 29 अप्रैल 2022 को कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे। जिससे धनु राशि वालों को शनि की साढ़े साती से मुक्ति मिल जाएगी। राशि परिवर्तन के कारण मीन राशि वालों पर शनि की साढ़े साती शुरू होगी। शनि ढैय्या की बात करें तो मिथुन और तुला राशि वालों को छुटकारा मिलेगा। शनि गोचर के कारण कर्क और वृश्चिक राशि के जातक इसकी चपेट में आएंगे।

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मिथुन, कर्क, सिंह, कन्या, तुला, वृश्चिक और धनु राशि के जातक 2022 से 2028 तक शनि की साढ़े साती का सामना नहीं करेंगे। हालांकि इनमें से कुछ राशि वालों को शनि की साढ़े साती का सामना करना पड़ेगा।

शनि साढ़े साती का प्रभाव-

शनि मकर राशि में वक्री अवस्था में हैं। वर्तमान में धनु, मकर और कुंभ राशि वालों पर शनि की साढ़े साती चल रही है। मिथुन और तुला राशि वालों पर शनि ढैय्या का प्रभाव है। शनि की साढ़े साती के तीन चरण होते हैं। पहले और दूसरे चरण में जातक को कष्टों का सामना करना पड़ता है। तीसरे चरण में शनिदेव जातक को सुधार का मौका 

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