दोबारा शनि का मकर में करेंगे प्रवेश, जानिए अन्य राशियों का हाल
ग्रहों में श्रेष्ठतम प्रभाव रखने वाले भगवान शनि वक्री अवस्था में दोबारा मकर राशि में प्रवेश कर रहे हैं।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। ग्रहों में श्रेष्ठतम प्रभाव रखने वाले भगवान शनि वक्री अवस्था में दोबारा मकर राशि में प्रवेश कर रहे हैं। 04 जून की मध्यरात्रि को वक्री हुए शनि 23 अक्तूबर की सुबह 09 बजकर 38 मिनट मार्गी होंगे और 17 जनवरी 2023 की शाम 06 बजकर 02 मिनट पर कुंभ राशि में प्रवेश कर जाएंगे। इनके पुनः मकर राशि में प्रवेश का अन्य सभी राशियों पर कैसा प्रभाव रहेगा इसका ज्योतिषीय विश्लेषण करते हैं।
मेष राशि-
राशि से दशम कर्मभाव में वक्री अवस्था में गोचर करते हुए शनिदेव का प्रभाव कई तरह से अप्रत्याशित उतार-चढ़ाव वाला रहेगा। कार्य व्यापार में कुछ मंदी आ सकती है इसके बावजूद लाभ मार्ग प्रशस्त होंगे। नौकरी वालों के लिए कोई दुष्प्रभाव नहीं पड़ेगा। उच्चाधिकारियों से संबंध बिगड़ने न दें। स्थान परिवर्तन के लिए प्रयास करना चाह रहे हों तो अवसर अनुकूल है। नए अनुबंध पर हस्ताक्षर तथा दिए गए धन के वापस मिलने के योग।
वृषभ राशि-
राशि से नवम भाग्यभाव में गोचर करते हुए वक्री शनिदेव का प्रभाव सफलताओं में थोड़ी शिथिलता लाएगा। धर्म और अध्यात्म के मामलों में रुचि बढ़ेगी। विदेशी कंपनियों में सर्विस अथवा नागरिकता के लिए किए जा रहे प्रयास भी सफल होंगे। आपके द्वारा लिए गए निर्णय और किए गए कार्यों की सराहना होगी। अपनी योजनाओं को गोपनीय रखते हुए कार्य करेंगे तो अधिक सफल रहेंगे। परिवार के वरिष्ठ सदस्यों से मतभेद बढ़ने न दें।
मिथुन राशि-
राशि से अष्टम आयु भाव में गोचर करते हुए वक्री शनि कठिन चुनौतियों का सामना करवाएंगे। स्वास्थ्य के प्रति चिंतनशील रहें। विवादित मामले कोर्ट से भी बाहर ही सुलझा लेना समझदारी रहेगी। कार्यक्षेत्र में भी काम संपन्न करें और सीधे घर आएं। पैतृक संपत्ति संबंधी विवाद गहरा सकता है। अपनी जिद और आवेश पर नियंत्रण रखते हुए कार्य करेंगे तो इसे भी समझाने में सफल रहेंगे। समय चुनौतियों से भरा हुआ है इसलिए हर कार्य समझदारी से करें।
कर्क राशि
राशि से सप्तम दांपत्य भाव में गोचर करते हुए वक्री शनिदेव मिलाजुला फल देंगे। कार्य व्यापार के लिए तो समय अपेक्षाकृत बेहतर रहेगा विवाह संबंधी वार्ता में विलंब होगा। साझा व्यापार करने से परहेज करें। केंद्र अथवा राज्य सरकार के विभागों में प्रतीक्षित कार्य संपन्न होंगे। किसी भी तरह के नए टेंडर के लिए आवेदन करना चाह रहे हो तो उस दृष्टि से ग्रह गोचर अनुकूल रहेगा। आपके अपने ही लोग नीचा दिखाने की कोशिश करेंगे सावधान रहें।
सिंह राशि
राशि से छठे शत्रु भाव में गोचर करते हुए वक्री शनि बेहतरीन सफलता दिलाएंगे। गुप्त शत्रु परास्त होंगे। कोर्ट कचहरी के मामलों में भी निर्णय आपके पक्ष में आने के संकेत किंतु,स्वास्थ्य के प्रति अत्यधिक सावधान रहने की आवश्यकता है,भावनाओं में बहकर लिया गया निर्णय नुकसानदेय सिद्ध हो सकता है। ननिहाल पक्ष से रिश्ते बिगड़ने न दें। यात्रा देशाटन का लाभ मिलेगा। विदेश यात्रा के लिए प्रयास करना चाह रहे हों तो उसमें भी सफल रहेंगे।
कन्या राशि
राशि से पंचम विद्या भाव में गोचर करते हुए वक्री शनिदेव विद्यार्थियों एवं प्रतियोगिता में बैठने वाले छात्रों के लिए नई चुनौतियां पेश कर सकते हैं इसीलिए परीक्षा में अच्छे अंक लाने के लिए पढ़ाई में और मेहनत करें। प्रेम संबंधी मामलों में उदासीनता रहेगी। कार्य पर ध्यान देना बेहतर रहेगा। शीर्ष अधिकारियों से संबंध मजबूत होंगे। संतान संबंधी चिंता परेशान कर सकती है किंतु नवदंपति के लिए संतान प्राप्ति एवं प्रादुर्भाव के योग।
तुला राशि-
राशि से चतुर्थ सुख भाव में गोचर करते हुए योग कारक वक्री शनिदेव का प्रभाव कई तरह के अप्रत्याशित परिणाम दिलाने वाला सिद्ध होगा। सफलताओं की दृष्टि से तो इनका फल अति उत्तम रहेगा किंतु किसी न किसी कारण से पारिवारिक कलह और मानसिक अशांति का सामना करना ही पड़ेगा। मित्रों तथा संबंधियों से भी अप्रिय समाचार प्राप्ति के योग। माता पिता के स्वास्थ्य के प्रति चिंतनशील रहें। जमीन जायदाद तथा वाहन के क्रय का भी योग।
वृश्चिक राशि-
राशि से तृतीय पराक्रम भाव में गोचर करते हुए वक्री शनिदेव आपको ऊर्जाशक्ति से ओतप्रोत कर देंगे। जो भी निर्णय ले लेना चाहेंगे अथवा कार्य-व्यापार आरंभ करना चाहेंगे उसी में सफल रहेंगे। इस अवधि के मध्य नौकरी में भी परिवर्तन करना चाह रहे हों अथवा स्थान परिवर्तन के लिए प्रयास कर रहे हों तो समय बेहतर है। धार्मिक कार्यों में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेंगे। विदेशी कंपनियों में सर्विस अथवा नागरिकता के लिए किया गया प्रयास भी सफल रहेगा।
धनु राशि-
राशि से द्वितीय धन भाव में गोचर करते हुए वक्री शनिदेव नई चुनौतियां पेश कर सकते हैं। अत्यधिक खर्च के कारण आर्थिक तंगी का भी सामना करना पड़ सकता है किंतु काफी दिनों का दिया गया धन वापस मिलने की उम्मीद। परिवार में एकता बनाए रखने में दिक्कतें आएंगी। स्वास्थ्य के प्रति सावधान रहें। आर्थिक पक्ष मजबूत होगा। काफी दिनों का दिया गया धन भी वापस मिलने की उम्मीद। संतान संबंधी चिंता परेशान कर सकती है।
मकर राशि-
आपकी राशि में गोचर करते हुए वक्री शनिदेव का प्रभाव काफी मिलाजुला रहेगा फिर भी कोई भी बड़ा व्यापारिक निर्णय लेना चाहेंगे तो उसमें सफल रहेंगे। आर्थिक पक्ष मजबूत होगा। केंद्र अथवा राज्य सरकार के विभागों में प्रतीक्षित कार्य संपन्न होंगे। किसी भी तरह की सरकारी सर्विस के लिए भी आवेदन करना चाह रहे हों तो अवसर अनुकूल रहेगा। धर्म और अध्यात्म के प्रति रुचि बढ़ेगी। चुनाव संबंधी कोई निर्णय लेना चाह रहे हों तो उसमें भी सफल रहेंगे।
कुंभ राशि-
राशि से बारहवें व्यय भाव में गोचर करते हुए वक्री शनिदेव का प्रभाव बहुत अच्छा नहीं कहा जा सकता। आर्थिक हानि के योग। सरकार के साथ लेनदेन संबंधी विवादों में भी उलझ सकते हैं इसलिए इस तरह के किसी भी मामले को कोर्ट कचहरी में जाने से पहले ही सुलझा लें। अत्यधिक अपव्यय के कारण आर्थिक तंगी के योग। स्वास्थ्य के प्रति भी अत्यधिक सावधान रहें। गुप्त शत्रुओं की अधिकता रहेगी किंतु वे आपको नुकसान पहुंचाने में सफल नहीं हो पाएंगे।
मीन राशि-
राशि से एकादश लाभ स्थान में गोचर करते हुए वक्री शनिदेव निश्चित रूप से आय के साधन तो बढ़ाएंगे किंतु खर्च भी उसी तरह से होगा। इस अवधि के मध्य पैतृक संपत्ति विवाद सुलझ सकते हैं,मकान अथवा वाहन का क्रय करना चाह रहे हों तो उस दृष्टि से भी यह अवसर अनुकूल रहेगा। परिवार के वरिष्ठ सदस्यों तथा बड़े भाइयों से मतभेद बढ़ने ना दें। संतान संबंधी चिंता परेशान कर सकती है प्रेम संबंधी मामलों में उदासीनता रहेगी।