कुंभ राशि में शनि का गोचर, जानिए शनि की साढ़े साती और ढैय्या किन राशियों पर शुरू होगी

कुंभ राशि के स्वामी ग्रह शनि हैं। इसलिए शनि की दशा का इस राशि पर ज्यादा बुरा प्रभाव नहीं पड़ता है। जानिए शनि के कुंभ राशि में गोचर से किन राशियों पर पड़ेगा प्रभाव-

Update: 2021-09-02 03:36 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। ज्योतिष शास्त्र में शनि का विशेष महत्व है। शनि करीब हर ढाई साल में राशि परिवर्तन करते हैं। ज्योतिष में शनि सबसे धीमी चाल वाले ग्रह माने जाते हैं। शनि के एक च्रक करीब 30 साल में पूरा होता है। शनि वर्तमान में मकर राशि में हैं और 29 अप्रैल 2022 को कुंभ राशि में गोचर करेंगे। कुंभ राशि के स्वामी ग्रह शनि हैं। इसलिए शनि की दशा का इस राशि पर ज्यादा बुरा प्रभाव नहीं पड़ता है। जानिए शनि के कुंभ राशि में गोचर से किन राशियों पर पड़ेगा प्रभाव-

शनि राशि परिवर्तन 2021- शनि 29 अप्रैल 2022 को कुंभ राशि में प्रवेश कर जाएंगे। फिर वक्री अवस्था में 12 जुलाई से मकर राशि पर संचार करने लगेंगे। 17 जनवरी 2023 को शनि कुंभ राशि में आ जाएंगे। कुंभ राशि में शनि 29 मार्च 2025 तक रहेंगे। इसके बाद शनि मीन राशि में गोचर कर जाएंगे।
29 अप्रैल 2022 से 29 अप्रैल 2025 तक किन राशियों पर शुरु होगी शनि ढैय्या और साढ़े साती-
मेष राशि वालों पर शनि की साढ़े साती और शनि ढैय्या का प्रभाव नहीं रहेगा।
वृषभ राशि वाले भी शनि दशा से मुक्त रहेंगे।
मिथुन राशि वालों को 29 अप्रैल 2022 को शनि ढैय्या से मुक्ति मिल जाएगी।
कर्क राशि वालों पर इस अवधि में शनि ढैय्या रहेगी।
सिंह राशि वालों पर शनि की साढ़े साती और शनि ढैय्या दोनों का कोई प्रभाव नहीं रहेगा।
कन्या राशि पर शनि की दशा का कोई प्रभाव नहीं रहेगा।
कुंभ राशि में शनि के गोचर करते ही तुला राशि वालों को शनि ढैय्या से मुक्ति मिल जाएगी।
वृश्चिक राशि वालों पर शनि ढैय्या रहेगी।
धनु राशि वालों को शनि की साढ़े साती से मुक्ति मिल जाएगी।
मकर राशि वालों पर शनि की साढ़े साती का अंतिम चरण रहेगा।
कुंभ राशि वालों पर शनि की साढ़े साती का दूसरा चरण रहेगा।
मीन राशि वालों पर शनि की साढ़े साती शुरू होगी।


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