मकर राशि में शनि वक्री, जानें क्या होगा आपकी राशि पर असर

शनि हुए वक्री, जानें राशि पर कैसा होगा असर

Update: 2021-05-23 09:23 GMT

शनि देव को ज्योतिष शास्त्र में न्याय का देवता कहा जाता है। व्यक्ति के कर्मों के अनुसार शनि देव फल देते हैं। इसलिए शनि के गोचर, वक्री, दशा, अंतरर्दशा आदि का ज्योतिष में विशेष महत्व है। देवताओं में न्यायाधीश का दर्जा प्राप्त शनि देव 23 मई यानि आज मकर राशि में वक्री गति शुरू कर चुके हैं और 11 अक्टूबर 2021 तक वक्री अवस्था में ही रहेंगे। आपको बता दें कि शनि के वक्री का हर राशि पर अलग-अलग प्रभाव देखने को मिलता है। शनि वक्री को वैसे तो चुनौतीपूर्ण माना जाता है लेकिन कुछ जातकों के जीवन में यह सकारात्मकता लाने का काम भी कर सकता है। आइए अब जानते हैं कि शनि वक्री का सभी 12 राशियों पर क्या प्रभाव देखने को मिलेगा।

मेष राशि
राशि चक्र की प्रथम राशि मेष के जातकों को शनि वक्री के दौरान सावधान रहना होगा। बेवजह की चिंताएं आपके अमूल्य समय को खराब कर सकती हैं। परिवार के लोगों के मन में आपको लेकर कुछ गलतफहमियां हो सकती हैं, इसलिए बातचीत के दौरान आपको सावधान रहने की सलाह दी जाती है। चूंकि आपके दशम भाव में शनि देव वक्री गति करेंगे, इसलिए कार्यक्षेत्र में भी आपको संभलकर रहना होगा। यदि आप कार्य में अपना शत प्रतिशत नहीं देंगे तो इस दौरान वरिष्ठ अधिकरियों द्वारा आपके काम पर सवाल उठाए जा सकते हैं।
वृषभ राशि
आपके नवम भाव में शनि के वक्री होने से पिता के साथ आपके संबंधों में उतार-चढ़ाव आ सकता है। पिता या पितातुल्य लोगों से बातचीत के दौरान आपको सीमाओं का उलंघन करने से बचना होगा। धार्मिक क्रियाकलापों से आपका मन हठ सकता है। इस दौरान आपको भाग्य के सहारे नहीं बैठना चाहिए, किसी भी कार्य में सफलता प्राप्त करने के लिए जी तोड़ मेहनत करें। बिना मेहनत सफलता मिलना आसान नहीं होगा।
मिथुन राशि
आपके अष्टम भाव में वक्री होकर शनि देव आपको दांपत्य जीवन में चुनौतियां दे सकते हैं। इस समय आपको अपने ससुराल पक्ष के लोगों के साथ उलझने से बचना होगा। जो लोग गूढ़ विषयों जैसे- ज्योतिष, स्पेस साइंस आदि की पढ़ाई कर रहे हैं उनको अच्छे परिणाम मिल सकते हैं। शनि वक्री के दौरान कोई अनजाना भय आपको परेशान कर सकता है।
कर्क राशि
आपके सप्तम भाव में शनि देव वक्री गति करेंगे। इस अवधि में आपको साझेदारी में किये जा रहे किसी भी कार्य को लेकर सावधान रहने की जरूरत होगी। यदि पैसों का लेन-देन कर रहे हैं तो अपने विश्वासपात्र को अपने पास जरूर रखें। जिन लोगों ने सामाजिक स्तर पर बीते समय में अच्छे कार्य किये हैं उनको शुभ फल प्राप्त हो सकते हैं। सामाजिक स्तर पर इस दौरान आपकी ख्याति बढ़ेगी।
सिंह राशि
सूर्य की राशि सिंह के जातकों के लिए शनि का वक्री होना चुनौतीपूर्ण हो सकता है। आपको बता दें कि, शनि और सूर्य के बीच शत्रुतापूर्ण संबंध हैं। सिंह राशि के जातकों के षष्ठम भाव में शनि के वक्री होने से विरोधी सक्रिय हो सकते हैं। इस दौरान कार्यक्षेत्र में कोई आपके खिलाफ साजिश कर सकता है, इसलिए सावधान रहें। अपने मनोबल को बनाए रखने के लिए आपको योग ध्यान करना चाहिए।
कन्या राशि
आपके पंचम भाव में शनि का वक्री अच्छा नहीं कहा जा सकता। इस राशि के विद्यार्थियों को शिक्षा के क्षेत्र में खासी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। वहीं जो लोगो शादीशुदा हैं उन्हें संतान पक्ष को लेकर चिंताएं होंगी, अपनी संतान की गतिविधियों पर आपको नजर बनाए रखने की जरूरत है। निवेश करने से भी कन्या राशि के लोगों को शनि वक्री के दौरान बचने की जरूरत होगी नहीं तो नुकसान उठाना पड़ सकता है।
तुला राशि

आपके चतुर्थ भाव में शनि देव वक्री गति करेंगे। पारिवारिक मामलों को लेक इस अवधि में तुला राशि के लोग सावधान रहें। छोटा सा विवाद भी इस दौरान घर में बड़ी लड़ाई का कारण बन सकता है। इसलिए आपको स्थिति को समझकर सही फैसले इस दौरान लेने होंगे। अपनी माता के स्वास्थ्य को लेकर भी सावधानी बरतें, उनके साथ इस तरह से व्यवहार करें कि वह अपनी सारी परेशानियां आसानी से आपको बता पाएं।
वृश्चिक राशि
आपको शनि वक्री के दौरान आत्मविश्वास में कमी का सामना करना पड़ सकता है, इसलिए आपको योग ध्यान करने की सलाह दी जाती है। छोटे भाई-बहनों से मनमुटाव न हो इसलिए सोच-समझकर उनसे बातचीत करें। सामाजिक स्तर पर आप अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं। लोगों की मदद करने के लिए इस राशि के कुछ लोग वित्तीय दान करेंगे।
धनु राशि
आपके द्वितीय भाव में शनि देव वक्री गति करेंगे। दूसरा भाव वाणी और कुटुंब का माना जाता है। इसलिए शनि वक्री के दौरान आपको कटु-वचन बोलने से बचना चाहिए, नहीं तो बड़ी मुश्किल में पड़ सकते हैं। पारिवारिक जमा पूंजी को खर्च करने से भी आपको बचना होगा, ऐसा करने से आने वाले समय में आपके आर्थिक हालात कमजोर हो सकते हैं। सोशल मीडिया पर किसी भी तरह की सामग्री डालने से पहले उसको ध्यान से जरूर देख लें।
मकर राशि

शनि देव मकर राशि के स्वामी हैं और वर्तमान में मकर राशि में ही वक्री गति करेंगे। शनि की वक्री गति के दौरान मकर राशि के जातकों को मानसिक मजबूती मिल सकती है। आपने जो अच्छे काम किये हैं उनका अच्छा फल आपको प्राप्त होगा। हालांकि जो लोग गलत कार्य करते हैं उन्हें शनि की क्रूर दृष्टि का शिकार होना पड़ सकता है। इस दौरान मकर राशि के लोग आत्मकेंद्रित नजर आएंगे।
कुंभ राशि
कुंभ राशि के जातकों के द्वादश भाव में शनि देव वक्री गति करेंगे। वक्री गति के दौरान आपको धन हानि होने की संभावना है। अपने धन की बचत करने के लिए आपको अच्छा बजट प्लान इस दौरान बनाकर चलना चाहिए। जो लोग विदेशों से जुड़ा कार्य करते हैं उनको लाभ प्राप्त हो सकता है। सट्टेबाजी, जुआ आदि से इस राशि के लोगों को दूर रहने की सलाह दी जाती है।
मीन राशि
आपके एकादश भाव में शनि देव वक्री गति करेंगे। एकादश भाव को लाभ का भाव कहा जाता है। इसलिए शनि वक्री के दौरान आपको उन कार्यों से लाभ मिलेगा जिनको आपने ईमानदारी से किया है। इस दौरान आपके बड़े भाई-बहन आपके मार्गदर्शक की तरह आपको नजर आएंगे। इस राशि के जातकों को अपने पिता के स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देना होगा।
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