29 अप्रैल को राशि बदल रहे हैं शनि, धनु राशि वालों को मिलेगी साढ़े साती से मुक्ति

व्‍यक्ति को उसके कर्मों और कुंडली में शनि की स्थिति के मुताबिक फल मिलता है. यदि ये स्थितियां नकारात्‍मक हों तो वे जातक का जीवन तबाह कर सकती हैं.

Update: 2022-04-10 05:08 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। Shani Gochar 2022: ज्योतिष शास्‍त्र के मुताबिक शनि ग्रह सबसे धीमी चाल चलने वाले ग्रह हैं. वे ढाई साल में राशि बदलते हैं. उनकी बदली चाल राशियों पर ढैय्या-साढ़े साती जैसी महादशा शुरू और खत्‍म करती है. शनि कर्मों के मुताबिक फल देने वाले देवता हैं इसलिए उन्‍हें न्‍याय का देवता कहा जाता है. खासतौर पर शनि की महादशाओं के दौरान व्‍यक्ति को उसके कर्मों और कुंडली में शनि की स्थिति के मुताबिक फल मिलता है. यदि ये स्थितियां नकारात्‍मक हों तो वे जातक का जीवन तबाह कर सकती हैं.

29 अप्रैल को हो रहा है शनि गोचर
कर्मफलदाता शनिदेव आने वाले 29 अप्रैल को राशि बदलने जा रहे हैं. वे अपनी ही राशि कुंभ में प्रवेश करेंगे. इसका असर सभी राशियों पर होगा लेकिन एक राशि के जातक इसका असर सबसे ज्‍यादा यानी कि साढ़े 7 साल तक झेलेंगे. 29 अप्रैल से इस राशि के जातक शनि की साढ़े साती की चपेट में आ जाएंगे.
इस राशि वालों पर शुरू होगी साढ़ेसाती
29 अप्रैल को शनि के अपनी ही राशि कुंभ में प्रवेश करते ही मीन राशि वालों पर शनि साढ़े साती शुरू हो जाएगी. वहीं धनु राशि के जातकों को साढ़े साती से मुक्ति मिल जाएगी. इसके अलावा कुछ और राशियां ऐसी हैं, जो साढ़े साती और ढैय्या का असर झेलेंगी. जैसे- मकर राशि वालों पर साढ़े साती का आखिरी चरण शुरू हो जाएगा और कुंभ राशि वालों पर साढ़े साती का दूसरा चरण शुरू हो जाएगा.
अभी से करने लगें ये उपाय
शनि की साढ़े साती आर्थिक, मानसिक, शारीरिक तीनों ही तरह के कष्‍ट देती है. हालांकि जिनकी कुंडली में शनि की स्थिति सकारात्‍मक हो उन पर इसका असर अपेक्षाकृत कम होता है.
- हर शनिवार को किसी गरीब को काली चीजों जैसे उड़द की दाल, काला कपड़ा, काले तिल और काले चने का दान करें.
- शनिवार के दिन पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाने से आर्थिक परेशानियां दूर होती हैं. इसके अलावा सेहत भी ठीक रहती है.
- शनि के प्रकोप से बचने का सबसे अच्‍छा तरीका है भगवान हनुमान की शरण में चले जाना. शनिवार के दिन हनुमान चालीसा या सुंदरकांड का पाठ करें, इससे खासी राहत मिलेगी.
- शनिवार को 'ऊं प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः' और ऊं शं शनिश्चरायै नमः' मंत्रों का जाप करें. इससे शनि प्रसन्‍न होकर कृपा करेंगे.


Tags:    

Similar News