नीलम है शनि ग्रह का रत्न, धारण करते वक्त बरतें सावधानी
ऐसे में जानते हैं कि अलग-अलग रत्न को धारण करने के लिए कौन सा दिन शुभ रहता है. और इन्हें किस उंगली में धारण करना चाहिए.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। रत्न शास्त्र में हर ग्रह के लिए अलग-अलग रत्न बताए गए हैं. ज्योतिष शास्त्र के जानकार ग्रहों की दशा को देखकर रत्न धारण करने की सलाह देते हैं. रत्न धारण करने से ग्रहों के बुरे प्रभाव कम होते हैं. लेकिन रत्न धारण करते समय विशेष सावधानी रखी जाती है. ऐसे में जानते हैं कि अलग-अलग रत्न को धारण करने के लिए कौन सा दिन शुभ रहता है. और इन्हें किस उंगली में धारण करना चाहिए.
हीरा
जिन जातकों की कुंडली में शुक्र की महादशा चल रही होती है, उन्हें हीरा पहनना शुभ होता है. इस रत्न को धारण करने लिए शुक्रवार का दिन शुभ है. इसे मध्यमा उंगली में धारण करना चाहिए.
माणिक्य
सूर्य की महादशा को कम करने के लिए माणिक्य पहनना शुभ माना गया है. इसे रविवार के दिन सूर्योदय के वक्त रिंग फिंगर में धारण करना चाहिए.
मोती
कुंडली के चंद्र ग्रह की महादशा को खत्म करने के लिए मोती धारण करने की सलाह दी जाती है. इस रत्न को किसी भी सोमवार की शाम को कनिष्ठा (सबसे छोटी) उंगली में धारण करना चाहिए.
पन्ना
जिन लोगों की कुंडली में बुध खराब रहता है उन्हें पन्ना रत्न धारण करने की सलाह दी जाती है. पन्ना को बुधवार के दिन दोपहर के वक्त कनिष्ठा उंगली में पहन सकते हैं.
मूंगा
कुंडली में मंगल की खराब दशा को दूर करने के लिए मूंगा धारण किया जाता है. मूंगा रत्न को मंगलवार की शाम रिंग फिंगर में धारण करना बेहतर होता है.
पुखराज
कुंडली के बृहस्पति की अशुभ दशा को दूर करने के लिए पुखराज धारण किया जाता है. पुखराज पहनने के लिए गरुवार का दिन शुभ होता है. इसे तर्जनी उंगली में धारण करना चाहिए.
नीलम
शनि की महादशा की शांति के लिए नीलम रत्न धारण किया जाता है. नीलम रत्न को धारण करने के लिए शनिवार का दिन उत्तम माना गया है. इसे मध्यमा उंगली में पहनना चाहिए.
गोमेद
राहु-केतु की शांति के लिए गोमेद रत्न धारण किया जाता है. इस शनिवार के दिन सूर्यास्त के बाद मध्यमा उंगली में पहनना चाहिए.