Samudrik Shastra: ब्रह्माण्ड की समस्त वस्तुएं प्रकृति के अनुसार नियमबद्ध हैं। ग्रहों की गति, ऋतुओं का क्रम और भौतिक जगत की संरचना अकस्मात या संयोग से नहीं हुई अपितु ग्रह नक्षत्र के गुरूत्वाकर्षण, ईश्वरीय विधान के अनुसार ही संचालित हैं। प्रयोगशाला में अनुसंधान करने वाले वैज्ञानिक गणितीय सिद्धांतों के आधार पर विज्ञान के क्षेत्र में नित्य नए अनुसंधान करते हैं। उसी प्रकार प्रकृति के सूक्ष्म संकेत एवं ग्रहों की गणित द्वारा भविष्यवक्ता किसी के भी जीवन में घटित होने वाली शुभाशुभ घटना को भांपकर उसे सफल जीवन का मार्ग दिखलाते है। कहते हैं ‘ज्योतिषी भविष्यवाणी नहीं करते ग्रह-नक्षत्र स्वयं बोलते हैं’। हेतु जन्म कुंडली, हस्तरेखा के अलावा मानव शरीर के लक्षण से उसकी प्रगति के विषय में सरलता से जाना जा सकता है। Future statement
पैरों के शुभ लक्षण देते हैं भाग्योदय का संदेश - हस्तरेखाओं को प्रायः लोग ज्यादा महत्व देते हैं लेकिन अन्य शारीरिक लक्षण द्वारा भविष्य की घटनाओं को जाना जा सकता है, इन्हीं में से पैरों का स्थान भी अति महत्वपूर्ण है। स्कंद पुराण के अनुसार, लालिमायुक्त, कोमल, पसीने रहित पैर ऐश्वर्य के सूचक होते हैं। ऋषि-महर्षियों ने हस्तरेखा के साथ ही स्त्री-पुरूष के पैरों के लक्षणों द्वारा भाग्यदर्शन के सूत्र प्रतिपादित किए हैं। पैरों में पाए जाने वाले कुछ विशिष्ट लक्षण सौभाग्यशाली एवं भाग्यशाली व्यक्तियों की पहचान बताते हैं। जहां पैरों के शुभ लक्षण भाग्योदय का संकेत देते हैं, वहीं पैरों पर अंकित अशुभ चिन्ह भाग्य की हानि करते हैं।
1. गर्गसंहिता के अनुसार, जिस मनुष्य के पैर के तलुए गुलाबी आभा लिए हों अथवा रक्त की तरह लाल आभायुक्त हों, तो ऐसे व्यक्ति के भाग्य में जीवन की सभी सुख-सुविधाएं होती हैं, वह उच्च पद पर आसीन होता है।
2. जिस व्यक्ति के पैर में कलश का निशान हो अथवा कमल, पंखा, छत्र, धनुष, रथ, भौंरा, सूर्य, चन्द्रमा, ध्वजा, गदा, मीन, बाण आदि चिन्ह हों तो वह व्यक्ति अत्यन्त ही भाग्यशाली होता है।
3. भविष्यपुराण के अनुसार यदि किसी मनुष्य के पैरों की अंगुलियां बराबर, कुछ दाहिनी ओर झुकी हुई, मुलायम, परस्पर मिली हुई उन्नत, आगे से गोल तथा देखने में चिकनी और चमकदार मालूम हो तो ऐसा व्यक्ति बहुत ऐश्वर्यशाली एवं प्रतिष्ठित पद प्राप्त करने वाला होता है।
4. चलते समय जिन स्त्रियों के पैर के तलवे भूमि से अच्छी तरह स्पर्श करें और रंग में लाल कमल के समान हों, तो ऐसे चरणों से युक्त स्त्री धन एवं ऐश्वर्यवान होती है, जीवन में किसी भी वस्तु की कमी नहीं होती, जब तक जीती हैं, धन-धान्य, सुख-सुविधा से परिपूर्ण रहती हैं। शुभ लक्षणों से युक्त कन्या से विवाह करने वाला व्यक्ति विवाह के बाद राजा के समान सुखी जीवन व्यतीत करता है, पड़ा-लिखा व्यक्ति उच्च पद पर आसीन होता है और व्यापार क्षेत्र से जुड़े व्यक्ति का व्यापार ऐसी कन्या के चरण पड़ने से दिन-दूनी, रात-चौगुनी तरक्की करता है।
5. एड़ी गोलाकार व नरम सुन्दर होती है तो ऐसे व्यक्ति का जीवन हर तरह के ऐश्वर्य और सुख से भरा होता है। बड़ी एड़ी वाले स्त्री-पुरूष दीर्घायु माने गए हैं।
6. सामुद्र तिलक नामक दुर्लभ प्राचीन ग्रंथ के अनुसार यदि पैर का अंगूठा चपटा, कटा-फटा, टेढ़ा, रूखा या बहुत छोटा हो तो उक्त लक्षण अशुभ होते हैं।
7. जिस पुरूष के पैर आगे बहुत चौड़े और पीछे बहुत सिकुड़े हो, या दूर-दूर अंगुलियों के लक्षणों के साथ पैरों में नसों का जाल दिखाई दे वह अशुभ माना जाता है, प्रायः उसके भाग्य में दुःख ज्यादा होता है।
8. पैर की पृष्ठ तथा तलवे वाले दोनों भागों पर पसीना आना शुभ लक्षण नहीं होता है। पृष्ठ भाग पर ज्यादा बालों का होना भी अशुभ लक्षण ही हैं।
9.उल्टा पैदा हुआ व्यक्ति जब back ache से पीड़ित व्यक्ति को अपने पैरों द्वारा हल्का प्रहार करता है, तो व्यक्ति की पीड़ा दूर हो जाती है।
10. जिन लोगों के पैर में शंख का चिन्ह होता है उनके सभी काम पूरे होते हैं और ऐसे लोगों की किस्मत हमेशा साथ देती है।
11. पांव तले भविष्य छुपा रहता है, इसलिए जिन सौभाग्यशाली कन्याओं की जन्मकुण्डली में धनयोग रहता है, वे जब विवाह के बाद पिता के यहां से विदा होती हैं, तो अपने साथ धन भाग्य को भी लेकर ससुराल जाती हैं, जो वह पिता के निमित्त जन्म के समय लेकर आई थी। इसलिए विदाई से पूर्व सौभाग्यशाली कन्याओं के पैरों की छाप विशेष विधि एवं विशेष मुहूर्त में धन रक्षक उपाय द्वारा कराई जाती है।