सोमवार व्रत के नियम: सोमवार के व्रत में करें इन नियमों का पालन, सफल होगी आपकी पूजा

सोमवार व्रत के नियम

Update: 2022-07-11 15:02 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। Monday Fast Niyam: सोमवार के दिन भगवान शिव की पूजा की जाती है। इस दिन जो भक्त व्रत रखता है भगवान शिव प्रसन्न होकर मनोकामना पूर्ण करते हैं। पर पूजा करने से पहले कुछ नियमों को जरूर जान लें। हिंदू धर्म में सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित है। इस दिन भक्त भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा अर्चना करते हैं और व्रत रखते हैं। इस व्रत को रखने से व्यक्ति को सभी तरह के दुख-दर्द से मुक्ति मिल जाती है और जीवन सुखमय हो जाता है। भगवान शिव बहुत जल्दी प्रसन्न होने वाले देवता है और उन्हें मनाने और प्रसन्न करने के लिए किसी खास तरह की पूजा अर्चना नहीं करनी पड़ती।

यह व्रत बेहद सरल होता है. लेकिन इस व्रत को करने के कुछ नियम हैं, जिनका पालन करना बहुत जरूरी होता है। अगर आप भी सोमवार का व्रत कर हैं या करने वाले हैं, तो जान लें कि व्रत के दौरान किन नियमों का पालन करना आवश्यक है। आइए जानते हैं कि सोमवार के दिन भगवान शंकर की अराधना करते समय किन नियमों का पालन करें।
व्रत के ये हैं नियम
इस दिन सूर्योदय से पहले उठे। स्नान करके स्वच्छ कपड़े पहनें।
इसके बाद दिनभर के व्रत का संकल्प लें और घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।
इसके बाद सभी देवी- देवताओं का गंगा जल से अभिषेक करें। और शिव और मां पार्वती की पूजा करें।
इस दिन शिवलिंग पर दूध, दही, शहद या कोई भी वस्तु चढ़ाने के बाद जल जरूर चढ़ाएं। सोमवार के दिन शिवलिंग पर चमेली के फूल अर्पित करें। इससे जीवन में सुख प्राप्त होता है।
व्रत करने वाले लोगों को तीन पहर में से एक पहर में ही भोजन करें। व्रत के दौरान फलाहार करें।
शास्त्रों के अनुसार शिवलिंग पर कभी भी रोली व सिंदूर की तिलक नहीं करना चाहिए। शिवलिंग पर हमेशा चंदन का ही तिलक करें.
भगवान शिव के मंदिर में परिक्रमा करते वक्त ध्यान रखें कि कभी भी पूरी परिक्रमा न लगाएं। जहां से दूध बहता है वहां रूक जाएं और वापस घूम जाएं।
सोमवार का व्रत तीन तरह का होता है। एक हर सोमवार को किया जाने वाला व्रत, दूसरा सौम्य प्रदोष और तीसरा सोलह सोमवार का व्रत। इन तीनों ही व्रतों को करने में पूजा के नियम एक जैसे हैं।


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