सनातन धर्म में ईश्वर आराधना को सर्वोत्तम माना गया हैं ऐसे में अधिकतर लोग रोजाना सुबह शाम भगवान की पूजा करते हैं और उनके समक्ष दीपक भी जलाते हैं। धार्मिक और वास्तु अनुसार दीपक को बेहद ही महत्वपूर्ण माना गया हैं।
मान्यता है कि रोजाना पूजा पाठ के समय अगर देवी देवताओं के समक्ष दीपक जलाया जाए तो ईश्वर कृपा बरसती हैं लेकिन दीपक जलाने से जुड़े कुछ नियमों का पालन करना बेहद जरूरी माना जाता हैं वरना व्रत पूजा का कोई फल नहीं मिलता हैं तो आज हम आपको अपने इस लेख दवारा दीपक जलाने से जुड़े जरूरी नियम बता रहे हैं तो आइए जानते हैं।
दीपक जलाने के जरूर नियम-
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पूजा में घी के दीपक को हमेशा ही अपनी बाईं ओर रखना चाहिए तो वही तेल का दीपक दाएं हाथ की ओर रखना शुभ माना जाता हैं। इसके अलावा दीपक को प्रभु की प्रतिमा से अधिक दूरी पर नहीं रखना चाहिए। दीपक में तेल और घी की मात्रा इतनी होनी चाहिए कि पूजा के दौरान वो ना बुझ पाए। क्योंकि पूजा के बीच में दीपक का बुझना शुभ नहीं माना जाता हैं। अगर आप इच्छापूर्ति के लिए ईश्वर से प्रार्थना कर रहे हैं तो तेल का दीपक जलाएं। वही अगर आप आर्थिक परेशानियों से जूझ रहे हैं तो ऐसे में मां दुर्गा के सामने घी का दीपक जलाएं ऐसा करने से धन संकट दूर हो जाता हैं।
शनि महाराज की पूजा में हमेशा ही सरसों ते तेल या तिल के तेल का दीपक ही जलाना चाहिए। ऐसा करने से भगवान प्रसन्न होकर कृपा करते हैं। वही हनुमान जी की कृपा पाने के लिए आप चमेली के तेल का दीपक जलाएं इसे शुभ माना जाता हैं। घर परिवार में सुख शांति और समृद्धि को बनाए रखने के लिए आप शाम के वक्त प्रवेश दवार पर गाय के घी का दीपक जलाएं ऐसा करने से माता लक्ष्मी का घर में प्रवेश होता हैं।