ऐसे दूर करें किचन के वास्‍तु दोष

घर में हर जगह का वास्‍तु के मुताबिक होना जरूरी है. इसमें किचन भी बहुत अहम है.

Update: 2021-12-23 10:06 GMT

घर में हर जगह का वास्‍तु के मुताबिक होना जरूरी है. इसमें किचन भी बहुत अहम है. यदि किचन की दिशा गलत हो या उसमें रखी कोई चीज नकारात्‍मक असर डालने वाली हो तो जिंदगी पर मुसीबतों का पहाड़ टूट सकता है. वास्‍तु शास्‍त्र में किचन और उसके अंदर की चीजों को लेकर कई नियम बताए गए हैं. सेहतमंद और खुशहाल जिंदगी के लिए इन नियमों का पालन करना चाहिए.

भारी पड़ सकती है किचन बनाने की ये गलती
- किचन बनाने के लिए दक्षिण-पूर्व दिशा (आग्नेय-कोण) को सर्वश्रेष्ठ माना गया है क्‍योंकि यह अग्नि की दिशा होती है. वहीं दक्षिण-पश्चिम दिशा में बना किचन पूरे परिवार के लिए मुसीबतों का सबब बन सकता है. साथ ही यह धन-हानि का बड़ा कारण बनता है.
- वहीं किचन में स्‍लैब पूर्व या उत्‍तर दिशा में होना चाहिए. ताकि गैस पर खाना बनाते समय महिला का मुख उत्‍तर या पूर्व दिशा की ओर हो. ऐसा स्‍लैब खाना पकाने वाले और खाने वाले सभी लोगों के लिए अच्‍छी रहती है.
- इसी तरह बर्तन धोने का सिंक उत्‍तर-पूर्व दिशा में होना अच्‍छा रहता है. वरना परिवार के लोग कई तरह की बीमारियों से घिर जाते हैं
- किचन में फ्रिज उत्‍तर पश्चिम में होना सबसे शुभ होता है.
- किचन और बाथरूम का एक सीध में होना भी बड़ी मुश्किल ला देता है. ऐसी स्थिति में घर के लोग कभी भी स्‍वस्‍थ नहीं रहते हैं.
- कई लोग किचन में ही मंदिर बना लेते हैं. ऐसा करना परिवार के सदस्‍य को गंभीर बीमारी का शिकार बना सकता है.
- किचन में या तो डस्‍टबिन न रखें और यदि रखें तो सुनिश्चिक करें कि उसका कचरा हर दिन फेंका जाए.
ऐसे दूर करें किचन के वास्‍तु दोष
यदि किचन में वास्‍तु दोष हों और उन्‍हें दूर करना संभव न हो तो इससे बचने के लिए कुछ वास्‍तु उपाय किए जा सकते हैं. इसके लिए किचन के दरवाजे पर रेड कलर का क्रिस्‍टल लगा सकते हैं. इसके अलावा किचन की दक्षिण-पूर्व दिशा में लाल बल्‍ब लगा सकते हैं. लेकिन दिन-रात हर समय जलने दें. इसके अलावा किचन की उत्‍तर या पूर्व दिशा में स्‍वास्तिक का चिन्‍ह बनाना भी कई वास्‍तु दोषों को दूर कर देता है.


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