ये पांच सूत्र याद रखिए, जहां जाएंगे कामयाब हो जाएंगे
गरुड़ पुराण में कुल 16 अध्याय हैं, जिसमें गरुड़ और भगवान विष्णु की बातचीत के जरिए लोगों को भक्ति, सदाचार, वैराग्य, तप, यज्ञ, ज्ञान आदि के बारे में बताया गया है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क।गरुड़ पुराण व्यक्ति के जीवन—मृत्यु और मृत्यु के बाद के गूढ़ रहस्यों को उजागर करने वाला है. इसे सनातन धर्म में महापुराण की संज्ञा दी गई है. गरुड़ पुराण में कुल 16 अध्याय हैं, जिसमें गरुड़ और भगवान विष्णु की बातचीत के जरिए लोगों को भक्ति, सदाचार, वैराग्य, तप, यज्ञ, ज्ञान आदि के बारे में बताया गया है और धर्म के रास्ते पर चलने के लिए प्रेरित किया गया है. गरुड़ पुराण में व्यक्ति की दैनिक दिनचर्या के बारे में भी बताया गया है और पांच ऐसे काम नियमित तौर पर करने की सलाह दी गई है, जिनसे सकारात्मकता आती है. सकारात्मक रवैये की वजह से आप पूरी लगन से अपने हर काम को कर पाते हैं, फलस्वरूप आपको सफलता प्राप्त होती है.
स्नानं दानं होमं स्वाध्यायो देवतार्तनम्
यस्मिन् दिने न सेव्यन्ते स वृथा दिवसो नृणाम्
1. इस श्लोक के माध्यम से गरुण पुराण में बताया गया है कि व्यक्ति की दिनचर्या का सबसे अहम हिस्सा स्नान होता है. इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को अपने दिन की शुरुआत स्नान से करनी चाहिए. ऐसा करने से शरीर को एनर्जी मिलती है और मन में पवित्रता का भाव आता है. इससे तन और मन दोनों ही शुद्ध हो जाते हैं. ऐसे में व्यक्ति का रवैया भी सकारात्मक हो जाता है.
2. धर्म ग्रंथों में दान का बहुत बड़ा महत्व दिया गया है. यदि व्यक्ति हर दिन स्नान के बाद अपनी क्षमतानुसार कुछ न कुछ दान करे तो मन प्रसन्न होता है, दुर्भाग्य दूर होता है और तमाम दुआएं प्राप्त होती हैं. ऐसे व्यक्ति को जीवन में अपार सुख और कामयाबी प्राप्त करता है.
3. घर में हर व्यक्ति को रोजाना दीपक जरूर जलाना चाहिए. दीपक की एक लौ ही पूरे घर के वातावरण को शुद्ध कर देती है. यदि आप हवन कर सकें तो ये और भी उत्तम है. वातावरण शुद्ध होने से बीमारियां और नकारात्मकता घर से दूर रहती हैं. ऐसे में व्यक्ति के कर्म में कभी उसका स्वास्थ्य आड़े नहीं आता और वो अपनी मेहनत के बूते पर जो चाहता है, उसे प्राप्त करता है.
4. रोजाना हर व्यक्ति को कुछ देर प्रभु के किसी भी मंत्र का जाप करना चाहिए. जाप में बहुत शक्ति होती है. जाप व्यक्ति के अंदर एक तेज उत्पन्न करता है और सकारात्मक बनाता है. इससे व्यक्ति का मान, सम्मान और प्रतिष्ठा बढ़ती है.
5. जिस तरह शरीर को तमाम बीमारियों से बचाने के लिए स्नान किया जाता है, उसी तरह मन की शुद्धि के लिए पूजा की जरूरत होती है. पूजा करने से मन शांत होता है और ईश्वर पर भरोसा बढ़ता है. ऐसे व्यक्ति को भय नहीं लगता और घर से अनेक संकट खुद ही दूर हो जाते हैं.