सनातन धर्म में पूर्णिमा और अमावस्या की तिथि को बेहद ही खास माना जाता है जो कि हर माह में एक बार आती है अभी भाद्रपद मास चल रहा है और इस माह के अमावस्या को भाद्रपद मास की अमावस्या के नाम से जाना जा रहा है जो कि 14 सितंबर दिन गुरुवार यानी की आज पड़ी है।
धार्मिक तौर पर इस तिथि को बेहद ही खास माना जाता है। इस दिन का महत्व पितरों की आत्मा की शांति, दान पुण्य और काल सर्प दोष निवारण के लिए विशेष माना गया है। इस दिन पूजा पाठ और स्नान दान के अलावा अगर कुछ विशेष उपायों को किया जाए तो कालसर्प दोष से मुक्ति मिल जाती है और जीवन में सुख समृद्धि आती है तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा कालसर्प दोष निवारण हेतु आसान उपाय बता रहे हैं।
कालसर्प दोष निवारण के उपाय—
ज्योतिष अनुसार अमावस्या की तिथि पर नर्मदा नदी में स्नान करके चांदी से निर्मित नाग का संस्कार कर यहां विसर्जन करने से कुंडली का कालसर्प दोष शांत हो जाता है। कहाते है कि नर्मदा में केवल स्नान मात्र से ही हर प्रकार के ग्रह दोष शांत हो जाते है। ऐसे में आप इस उपाय को आजमा सकते है।
इसके अलावा काल सर्प दोष से पीड़ित लोग अमावस्या के पावन दिन पर शिवलिंग का अभिशेक करें। इस दिन रुद्राभिषेक करने से उत्तम फल मिलता है। आज के दिन कुलदेवता की आराधना भी जरूर करनी चाहिए आप चाहे तो इस दिन महामृत्युंजय मंत्र का जाप 108 बार कर सकते है। ऐसा करने से शिव कृपा मिलती है और कालसर्प दोष भी दूर हो जाता है इसके साथ ही भाद्रपद अमावस्या के दिन हनुमान जी की पूजा के बाद हनुमान चालीसा का लगातार 11 बार पाठ किया जाए तो कालसर्प दोष से छुटकारा मिलता है। ज्योतिष अनुसार अगर कोई कालसर्प दोष से पीड़ित है तो ऐसे में अमावस्या के दिन वह अपने घर में मोरपंख लाएं। ऐसा करने से लाभ जरूर मिलता है।