संतान की खुशहाली के लिए करें देवशयनी एकादशी के उपाय
सनातन धर्म में देवशयनी एकादशी वर्ष का वह दिन होता है जब भगवान विष्णु चार महीने के लिए योगनिद्रा में चले जाते हैं
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। सनातन धर्म में देवशयनी एकादशी वर्ष का वह दिन होता है जब भगवान विष्णु चार महीने के लिए योगनिद्रा में चले जाते हैं और कार्तिक शुक्ल एकादशी पर जागते हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार इस एकादशी तिथि को यदि व्यक्ति श्रद्धा पूर्वक विष्णु जी का पूजन करता है और कुछ उपाय करता है तो उसे सभी पापों से मुक्ति मिलती है एवं जीवन में सुख,शांति व समृद्धि आती है।
संतान की खुशहाली के लिए-
देवशयनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु की विधिवत पूजा कर व्रत का पालन करें,विष्णु सहस्त्रनाम या गोपालसहस्त्र्नाम का पाठ करें।ऐसा करने से आपकी संतान योग्य बनती है और उनके कष्टों का निवारण होता है।
पुण्य प्राप्ति के लिए-
आंवला भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय है। इस दिन जल में आँवले का रस डालकर सूर्योदय से पूर्व स्नान करने से बहुत पुण्य प्राप्त होता है और प्राणी के सारे पाप दूर हो जाते हैं।
धन-सम्पत्ति के लिए-
देवशयनी एकादशी के दिन श्री नारायण का कच्चे दूध में केसर मिलाकर अभिषेक करने से भगवान शीघ्र प्रसन्न हो जाते हैं।ऐसा करने से आपके घर में धन का आगमन बना रहेगा और जातक को जीवन में कभी भी आर्थिक संकट का सामना नहीं करना पड़ता है, उसका घर सदैव धन धान्य से भरा रहता है।
नकारात्मक ऊर्जा होगी दूर-
शंख की ध्वनि आध्यात्मिक शक्ति से संपन्न होती है। इसकी ध्वनि जहाँ तक पहुँचती है,सभी प्रकार की नकरात्मक ऊर्जा दूर होती है साथ ही वहां तक के वातावरण में रहने वाले सभी कीटाणु नष्ट हो जाते हैं। इस दिन पूजा करने के उपरांत शंख का जल पूरे घर में छिड़क देने से घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है।
रोगों को दूर करने के लिए दान-
देवशयनी एकादशी के दिन दान का बहुत महत्व है।अगर आपके घर में कोई बहुत बीमार रहता है तो जरुरतमंदो को फल, दवाइयां और वस्त्र दान करने चाहिए। इससे आपको स्वयं मानसिक शांति अनुभव तो होता ही है साथ ही मान्यता है कि इससे व्यक्ति के रोग कटने लगते हैं और वह जल्दी ही स्वस्थ हो जाता है।
पितरों की मिलेगी कृपा-
देवशयनी एकादशी के दिन स्नान करके घर या मंदिर में जाकर घी का दीपक जलाकर गीता का पाठ अवश्य ही करें, ऐसा करने से आपके पितृ प्रसन्न होते हैं, पितरो का आशीर्वाद मिलता है एवं घर के लोग तरक्की करते हैं।
श्री हरि और माँ लक्ष्मी की मिलेगी कृपा-
इस दिन रात्रि के समय भगवान नारायण की प्रसन्नता के लिए नृत्य,भजन-कीर्तन और स्तुति के द्वारा जागरण करना चाहिए।जागरण करने वाले को जिस फल की प्राप्ति होती है,वह हज़ारों बर्ष तपस्या करने से भी नहीं मिलता।इस दिन मंदिर,तुलसी के नीचे और नदियों के किनारे दीपदान करने से श्री हरि और माँ लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है।