पूजा-पाठ में आम पत्ते का उपयोग करने के धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व
हिंदू धर्म में अलग-अलग देवी देवताओं की पूजा (Puja) अलग-अलग तरह से की जाती है.
हिंदू धर्म में अलग-अलग देवी देवताओं की पूजा (Puja) अलग-अलग तरह से की जाती है. जिसमें भिन्न-भिन्न सामग्री का इस्तेमाल किया जाता है. इन पूजा-पाठ में उपयोग होने वाले कई फूल (Flower) और पत्ते हैं जो शुभ माने जाते हैं. आज की इस कड़ी में हम बात करेंगे आम के पत्तों के बारे में जिनका उपयोग शादी-विवाह (Marriage), गृह प्रवेश, बंदनवार और पूजा-पाठ में किया जाता है. ऐसा कहा जाता है कि आम के पत्तों के बिना पूजा अधूरी मानी जाती है. आम के पत्तों का धार्मिक के साथ-साथ वैज्ञानिक आधार भी है. जिसके बारे में आज हम जानेंगे कि क्यों हर पूजा पाठ में आम के पत्ते इतने महत्वपूर्ण होते हैं.
धार्मिक मान्यता के अनुसार
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार आम हनुमान जी का प्रिय फल है. जहां भी पूजा-पाठ में आम और आम के पत्ते का उपयोग किया जाता है. वहां हनुमान जी की विशेष कृपा होती है. उस जगह पर नकारात्मक शक्तियों का प्रभाव नहीं पड़ता. कहा जाता है बुरी शक्तियां शुभ कार्य में बाधा नहीं डाल सकती. जिसकी वजह से हर काम सफल होता है. इसके अलावा प्रकृति से मनुष्य का संबंध बना रहे इस कारण भी पूजा पाठ में आम के पत्ते का इस्तेमाल किया जाता है.
आम के पत्तों को लेकर वैज्ञानिक अवधारणा है, कि आम के पत्तों का जहां पर इस्तेमाल किया जाता है. वहां पर सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है. आम के पत्तों में डायबिटीज को दूर करने की क्षमता होती है. आम के पत्ते पाचन और कैंसर जैसी गंभीर बीमारी के लिए बेहद उपयोगी माने जाते हैं. स्वास्थ्य की दृष्टिकोण से आम के पत्ते बेहद गुणकारी और लाभदायक सिद्ध होते हैं.
आम के पत्तों में चिंता और तनाव को मुक्त करने के तत्व पाए जाते हैं. जिससे आपके विचारों में शुद्धता आती है और आपके आसपास का वातावरण सकारात्मक हो जाता है. यही कारण है कि हर मांगलिक कार्य और शुभ कार्य में आम के पत्तों का इस्तेमाल किया जाता है