Religion : मोक्षदा एकादशी के दिन भागवत गीता का पाठ करने से पितृदोष से मुक्ति मिलती है
मोक्षदा एकादशी और गीता जयंती का संबंध पौराणिक कथाओं में मिलता है। मान्यता है कि जब रणभूमि में अर्जुन अपनों को देखकर विचलित हो गए थे, तब श्रीकृष्ण ने उन्हें गीता का उपदेश देकर पूरी ताकत के साथ युद्ध लड़ने को कहा। तब अर्जुन कौरवों को हराकर युद्ध में विजयी हुए थे। ज्योर्तिविद पं. विकास …
मोक्षदा एकादशी और गीता जयंती का संबंध पौराणिक कथाओं में मिलता है। मान्यता है कि जब रणभूमि में अर्जुन अपनों को देखकर विचलित हो गए थे, तब श्रीकृष्ण ने उन्हें गीता का उपदेश देकर पूरी ताकत के साथ युद्ध लड़ने को कहा। तब अर्जुन कौरवों को हराकर युद्ध में विजयी हुए थे। ज्योर्तिविद पं. विकास शास्त्रत्त्ी बताते हैं कि गीता व्यक्ति के मन के विचारों को शुद्ध करती है। गीता से सही-गलत का फर्क समझ में आता है।
मोक्षदा एकादशी पर गीता की पूजा करने का विधान है। इसके साथ भगवान विष्णु और श्रीकृष्ण की भी पूजा की जाती है। इस दिन भगवान विष्णु की श्रद्धा-भाव से पूजा से मोक्ष की प्राप्ति होती है। मोक्षदा एकादशी के व्रत से पापों का नाश होता है। पूर्वजों को भी मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस दिन व्रत करने वाले समस्त सांसारिक सुख भोगकर मृत्यु के बाद वैकुंठ धाम में स्थान पाते हैं।
करें यह खास उपाय, कई समस्या का होगा समाधान
मोक्षदा एकादशी के दिन अगर आप कुछ खास उपाय करते हैं, तो आपको कई समस्याओं से मुक्ति मिल जाती है। इस दिन सफेद हाथी की मूर्ति, कामधेनु गाय और मछली की मूर्ति घर लानी चाहिए। इससे घर में हमेशा सकारात्मकता बनी रहती है। घर में मां लक्ष्मी का वास भी होता है।