धर्म: रविवार को सूर्यदेव से जुड़े करें ये उपाय

Update: 2022-07-31 07:13 GMT

धर्म ज्ञान: हिंदू धर्म में सभी वार किसी न किसी देवी-देवता को समर्पित हैं। रविवार के दिन को भगवान सूर्यदेव का दिन माना जाता है। रविवार के दिन सूर्यदेव की विशेष उपासना की जाती है। वैदिक ज्योतिष में सूर्य को ऊर्जा,आत्मविश्वास,नेतृत्व की क्षमता और आत्मा का कारक ग्रह माना गया है। ज्योतिष के अनुसार जिन जातकों की कुंडली में सूर्य शुभ भाव में होते हैं ऐसे व्यक्ति बहुत ख्याति, सुख-सुविधा और ऐशोआराम जीवन जीते हैं। कुंडली में सूर्य के उच्च होने पर व्यक्ति प्रशासनिक कार्यों में रहता है। पुराणों में सूर्य को अर्घ्य देने का विशेष महत्व बताया गया है। प्रतिदिन सुबह और विशेषकर रविवार के दिन सूर्यदेव को जल अर्पित करने से व्यक्ति के जीवन में मान-सम्मान,पद-प्रतिष्ठा और सुख-शांति की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं रविवार के दिन सूर्यदेव की किस प्रकार से कर सकते हैं। आदित्य हृदय स्तोत्र सभी प्रकार के पापों,कष्टों और शत्रुओं से मुक्ति कराने वाला,सर्व कल्याणकारी,आयु,ऊर्जा और प्रतिष्ठा बढ़ाने वाला अति मंगलकारी विजय स्तोत्र है। आदित्य हृदय स्तोत्र सभी प्रकार के पापों,कष्टों और शत्रुओं से मुक्ति कराने वाला,सर्व कल्याणकारी,आयु,ऊर्जा और प्रतिष्ठा बढ़ाने वाला अति मंगलकारी विजय स्तोत्र है। सुबह जल्दी से नहाकर उगते हुए सूर्य को जल देने के लिए तांबे के लोटे में जल,लालचन्दन,चावल,लालफूल और कुश डालकर प्रसन्न मन से सूर्य की ओर मुख करके कलश को छाती के बीचों-बीच लाकर सूर्य मंत्र का जप करते हुए जल की धारा धीरे-धीरे प्रवाहित कर भगवान सूर्य को अर्घ्य देकर लाल पुष्प अर्पित करने चाहिए। सूरज देव को प्रातः अर्घ्य देकर नमस्कार करने से आयु,आरोग्य,धन धान्य, क्षेत्र,पुत्र, मित्र,तेज, वीर्य,यश,कांति,विद्या,वैभव और सौभाग्य आदि प्राप्त होता है।

रविवार के दिन लाल कनेर के फूल और चंदन से सूर्य देव की पूजा करना अच्छा होता है। इससे आपकी सारी तकलीफें दूर होंगी। आदित्य हृदय स्तोत्र सभी प्रकार के पापों,कष्टों और शत्रुओं से मुक्ति कराने वाला,सर्व कल्याणकारी,आयु,ऊर्जा और प्रतिष्ठा बढ़ाने वाला अति मंगलकारी विजय स्तोत्र है। रविवार के दिन आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ जीवन के अनेक कष्टों का एकमात्र निवारण है। इसके नियमित पाठ से असफलताओं पर विजय प्राप्त की जा सकती है। रविवार के दिन व्रत रखते हुए सूर्यदेव की उपासना करना बहुत ही फलदायी होता है। शास्त्रों में बताया गया है कि जो भी रविवार के दिन सूर्यदेव का व्रत रखता उसकी काया निरोगी होती है और जीवन में शुभ फलों की प्राप्ति होती है। इसके अलावा रविवार के दिन सूर्यदेव की व्रत कथा सुननी चाहिए। रविवार व्रत से जीवन में मान-सम्मान, धनलाभ और उत्तम सेहत की प्राप्ति होती है। हिंदू धर्म में दान करने का विशेष महत्व होता है। कुंडली में सूर्यदेव को बली करने के लिए सूर्य से संबंधित चीजें जैसे तांबे का बर्तन,पीले या लाल वस्त्र, गेहूं,गुड़ और लाल चंदन आदि का दान करें। इस उपाय को करने पर कुंडली में सूर्य के दोष दूर हो जाते हैं और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है।

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