मंगलनाथ मंदिर में टूटा रिकॉर्ड, दो महीने में 81 लाख से ज्यादा का आया चढ़ावा

Update: 2023-10-03 17:30 GMT
धर्म अध्यात्म: श्री महाकालेश्वर मंदिर परिसर का विस्तारीकरण होने और श्री महाकाल लोक के शुभारंभ के बाद देश-विदेश से श्रद्धालु महाकाल की नगरी पहुंच रहे हैं. ऐसे में बड़ी संख्या में श्रद्धालु महामंगल के स्थान श्री मंगलनाथ मन्दिर पर दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं. यहां भात पूजा का बहुत महत्व है. मंगलवार को मंदिर में मानों भक्तों का मेला लगा रहता है. महाकाल लोक में श्रद्धालुओं की भीड़ में वृद्धि के साथ-साथ श्री मंगलनाथ मन्दिर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुगण दर्शन हेतु पहुंच रहे हैं.
भगवान श्री मंगलनाथ जी के मंदिर पर श्रद्धालुगणों या यजमानों के द्वारा भात पूजन, कालसर्प दोष, अर्क विवाह, कुंभ विवाह, श्रापित दोष तथा अंगारक दोष आदि के लिए प्रतिदिन देशभर से आए हजारों भक्तों के द्वारा उक्त पूजन मंदिर के पंडितों द्वारा संपन्न कराई जा रही है. इससे मंदिर में रिकॉर्ड आय हुई है.
श्री मंगलनाथ मंदिर के प्रशासक केके पाठक ने बताया कि, अगस्त और सितंबर में भात पूजन इत्यादि की शासकीय रसीदों से 51 लाख 25 हजार रुपये की आय मंदिर समिति को प्राप्त हुई है. इसी प्रकार उक्त दोनों माहों में मंदिर की भेंट पेटी से 30 लाख 34 हजार रुपये की आय प्राप्त हुई है. इसी तरह श्री महाकालेश्वर मन्दिर, श्री मंगलनाथ मन्दिर के साथ-साथ उज्जैन के प्रमुख मन्दिरों में भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं.
मंदिर में पूजन के लिए निर्धारित शुल्क
श्री मंगलनाथ मंदिर समिति द्वारा सामान्य भात पूजा के लिए 150 रूपए, भात पूजा व नवगृह पूजन के लिए 200 रूपए, भात पूजा पंचाग कर्म के साथ 500 रूपए और भात पूजा जप सहित कराने पर शासकीय रसीद 1100 रूपए की काटी जाती है. रसीद के अलावा पंडितों द्वारा पूजन राशि अलग से निर्धारित है.
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