परमा एकादशी की कथा पढ़ने से मिलती है दरिद्रता से मुक्ति

दरिद्रता से मुक्ति

Update: 2023-08-11 10:10 GMT
हिन्दू धर्म में एकादशी तिथि का बहुत महत्व माना जाता है।
पंचांग के अनुसार, साल में कुल 24 एकादशियां आती हैं। लेकिन इस साल अधिक मास के कारण 26 तिथियां पड़ेंगी।
हर एक एकादशी का महत्व और उससे जुड़ी कथा शास्त्रों में वर्णित है। इसी कड़ी में जानेंगे परमा एकादशी की कथा।
ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से आइये जानते हैं कि अधिक मास की परमा एकादशी से जुड़ी रोचक कथा के बारे में।
पौराणिक कथा के अनुसार, काम्पिल्य नगरी में सुमेधा नाम का एक ब्राह्मण रहता है जो धर्म का पालन करता था।
वह ब्राह्मण और उसकी पत्नी बहुत पवित्र थे। वह पूजा-पाठ (पूजा-पाठ से जुड़े नियम) से जुड़े हर कठिन से कठिन नियम का पालन करते थे।
हालांकि किसी पूर्व जन्म के पाप के कारण वह दंपत्ति बहुत दरिद्र थे। घर में अन्न का एक दाना नहीं हुआ करता था।
ब्राह्मण की पत्नी बहुत दयावान और धार्मिक थी। खुद भूखी रहने के बाद भी द्वार आए अतिथि को अन्न जरूर देती थी।
एक बार कौण्डिन्य ऋषि दंपत्ति के घर आए जहां दोनों पति-पत्नी ने उनकी सेवा प्रसन्नता के साथ शुद्ध हृदय से की।
जब ऋषि ने उनकी सेवा से प्रसन्न होकर वरदान मांगने को कहा, तब दंपत्ति ने दरिद्रता से निजात पाने का उपाय मांगा।
महर्षि ने ब्राह्मण दंपत्ति को अधिक मास की परमा एकादशी का व्रत रखने के लिए कहा इसका महत्व भी समझाया।
ऋषि ने बताया कि परमा एकादशी का व्रत रखने से दुख, दरिद्रता (दरिद्रता दूर करने के उपाय) और पाप कर्मों का सदैव के लिए नाश होता है।
ऋषि ने बताया कि इसी एकादशी की पूजा से यक्षराज कुबेर धन के देवता बने थे और हरिशचंद्र राजा बने थे।
ऋषि ने बताया कि परमा एकादशी का व्रत पांच दिन करने से जीवन से धन से जुड़ा हर संकट दूर हो जाता है।
इसके बाद ब्राह्मण की पत्नी ने परमा एकादशी का व्रत रखा और नियमों का पालन करते हुए विष्णु पूजन किया।
तब भगवान विष्णु ने स्वयं प्रकट होकर ब्राह्मण दंपत्ति की न सिर्फ दरिद्रता दूर की बल्कि उन्हें आशीर्वाद भी दिया।
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परमा एकादशी कब है?
परमा एकादशी दिनांक 12 August दिन शनिवार को है।
परमा एकादशी के दिन किस मंत्र का जाप करें?
ऊं नमो वासुदेवाय मंत्र का उच्चारण करें
परमा एकादशी के दिन क्या करें?
परमा एकादशी के दिन गीता का पाठ अवश्य करें।
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