Dussehra के दिन पढ़ें ये व्रत कथा, सभी दोषों से मिलेगा छुटकारा

Update: 2024-10-12 13:51 GMT
Dussehra ज्योतिष न्यूज़ : सनातन धर्म में पर्व त्योहारों की कमी नहीं है और सभी का अपना महत्व होता है लेकिन दशहरा बेहद ही खास माना जाता है जो कि शारदीय नवरात्रि के आखिरी दिन के अगले दिन मनाया जाता है दशहरे को विजयादशमी के नाम से भी जाना जाता है।
पंचांग के अनुसार आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को देवी का विजर्सन कर विजयादशमी का पर्व मनाया जाता है इस दिन मां दुर्गा ने महिषासुर का वध किया था इसके अलावा भगवान श्रीराम ने लंकापति रावण का भी इस दिन अंत किया था इस पर्व को बुराई पर अच्छाई की जीत के अवसर पर मनाया जाता है इस साल दशहरा पर्व 12 अक्टूबर दिन शनिवार यानी आज मनाया जा रहा है। ऐसे में आज हम आपके लिए लेकर आए है दशहरे की पावन व्रत कथा जिसका पाठ करने से सभी दोषों से छुटकारा मिलता है और प्रभु राम व माता सीता की कृपा सदा बनी रहती है तो आइए जानते हैं।
 दशहरे के दिन जरूर पढ़ें व्रत कथा—
कथा के अनुसार, रावण, लंका का राजा, अत्यंत शक्तिशाली और ज्ञानी था, लेकिन उसका अहंकार उसके पतन का कारण बना। जब उसने माता सीता का अपहरण किया, तब भगवान राम ने अपनी सेना के साथ उसे बचाने के लिए युद्ध किया। भगवान राम के साथ हनुमान, लक्ष्मण और अन्य वानर सेना ने मिलकर रावण से युद्ध किया। हनुमान ने सीता जी को ढूंढने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और राम के संदेश को लेकर सीता तक पहुंचे।
 10 दिन तक चले इस युद्ध के बाद, दशमी के दिन भगवान राम ने रावण का वध किया। इस प्रकार, सत्य और धर्म की जीत हुई और बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक बना। इस दिन लोग व्रत करते हैं, पूजा-अर्चना करते हैं और रावण का पुतला जलाते हैं, जो बुराई का प्रतीक होता है। यह दिन हमें यह सिखाता है कि बुराई चाहे कितनी भी शक्तिशाली क्यों न हो, अंततः सत्य की विजय होती है।
 
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