Dussehra : 4 शुभ योगों में मनाया जाएगा दशहरा पर्व, जलाया नहीं पूजा जाता है रावण

Update: 2024-10-12 09:23 GMT
Dussehra ज्योतिष न्यूज़ : सनातन धर्म में पर्व त्योहारों की कमी नहीं है और सभी का अपना महत्व होता है लेकिन दशहरा बेहद ही खास माना जाता है जो कि शारदीय नवरात्रि के आखिरी दिन के अगले दिन मनाया जाता है दशहरे को विजयादशमी के नाम से भी जाना जाता है।
पंचांग के अनुसार आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को देवी का विजर्सन कर विजयादशमी का पर्व मनाया जाता है इस दिन मां दुर्गा ने महिषासुर का वध किया था इसके अलावा भगवान श्रीराम ने लंकापति रावण का भी इस दिन अंत किया था इस पर्व को बुराई पर अच्छाई की जीत के अवसर पर मनाया जाता है इस साल दशहरा पर्व 12 अक्टूबर दिन शनिवार यानी आज देशभर में बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है। तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा दशहरे पर बनने वाले शुभ योगों के बारे में आपको बता रहे हैं तो आइए जानते हैं।
 दशहरा पर बन रहे शुभ योग—
पंचांग के अनुसार आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि पर रवि योग ओर सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है। इन योग में भगवान राम की पूजा करना लाभकारी होगा। साथ ही साधक के सकल मनोरथ भी सिद्ध होंगे। वही रवि योग का संयोग दिनभर रहने वाला है। इसके अलावा सर्वार्थ सिद्धि योग भी दिनभर बना रहेगा।
 इस योग का समापन 13 अक्टूबर दिन रविवार को हो जाएगा। ज्योतिष अनुसार रवि और सर्वार्थ सिद्धि योग को बेहद ही शुभ माना गया है इन योगों में मंगल कार्य करना लाभकारी होता है। साथ ही साथ खरीदारी करने के लिए भी यह योग शुभ है। इस शुभ तिथि पर खरीदारी करने से वृद्धि होती है। इन योगों के साथ आज श्रवण नक्षत्र का भी संयोग बना हुआ है। ऐसे में कुल मिलाकर कहें तो सालों बाद दशहरे पर एक साथ चार मंगलकारी योग का निर्माण हो रहा है।
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