मां लक्ष्मी की पूजा करते समय पढ़ें ये चमत्कारी स्तोत्र

आज शुक्रवार है. हिंदू धर्म में शुक्रवार का दिन धन की देवी मां लक्ष्मी (Devi Lakshmi) को समर्पित माना जाता है.

Update: 2021-06-25 05:45 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क| आज शुक्रवार है. हिंदू धर्म में शुक्रवार का दिन धन की देवी मां लक्ष्मी (Devi Lakshmi) को समर्पित माना जाता है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, मां लक्ष्‍मी धन और संपत्ति की अधिष्ठात्री देवी हैं. इनकी पूजा से धन, वैभव, सौभाग्य, आरोग्य, ऐश्वर्य, शील, विद्या, विनय, ओज, गाम्भीर्य, कान्ति की प्राप्ति होती है और जीवन में खुशहाली बनी रहती है. यहां तक कि देवराज इन्द्र (Devraj Indra) ने महालक्ष्मी का आशीर्वाद पाने के लिए चमत्कारी महालक्ष्मी कृपा प्रार्थना स्तोत्र की रचना की थी. दरअसल, इंद्र को दुर्वासा ऋषि ने श्राप दिया था कि इंद्र के आधिपत्य में आने वाले तीनों लोकों से लक्ष्मी का लोप हो जाएगा. जब ऐसा हुआ तो सभी देवी-देवताओं ने प्रार्थना की. ऐसे में मां लक्ष्मी प्रकट हुईं और उनका अभिषेक किया गया. प्रसन्न होकर देवराज इंद्र ने इस स्त्रोत से मां लक्ष्मी की महिमा का गान किया...

महालक्ष्मी कृपा प्रार्थना स्तोत्र
इन्द्र उवाच (इंद्र बोले)...
नमस्तेऽस्तु महामाये श्रीपीठे सुरपूजिते।
शंखचक्रगदाहस्ते महालक्ष्मी नमोऽस्तु ते।।1।।
नमस्ते गरुडारूढे कोलासुरभयंकरि।
सर्वपापहरे देवि महालक्ष्मी नमोऽस्तु ते।।2।।
सर्वज्ञे सर्ववरदे देवी सर्वदुष्टभयंकरि।
सर्वदु:खहरे देवि महालक्ष्मी नमोऽस्तु ते।।3।।
सिद्धिबुद्धिप्रदे देवि भुक्तिमुक्तिप्रदायिनि।
मन्त्रपूते सदा देवि महालक्ष्मी नमोऽस्तु ते।।4।।
आद्यन्तरहिते देवि आद्यशक्तिमहेश्वरि।
योगजे योगसम्भूते महालक्ष्मी नमोऽस्तु ते।।5।।
स्थूलसूक्ष्ममहारौद्रे महाशक्तिमहोदरे।
महापापहरे देवि महालक्ष्मी नमोऽस्तु ते।।6।।
पद्मासनस्थिते देवि परब्रह्मस्वरूपिणी।
परमेशि जगन्मातर्महालक्ष्मी नमोऽस्तु ते।।7।।
श्वेताम्बरधरे देवि नानालंकारभूषिते।
जगत्स्थिते जगन्मातर्महालक्ष्मी नमोऽस्तु ते।।8।।
महालक्ष्म्यष्टकं स्तोत्रं य: पठेद्भक्तिमान्नर:।
सर्वसिद्धिमवाप्नोति राज्यं प्राप्नोति सर्वदा।।9।।
एककाले पठेन्नित्यं महापापविनाशनम्।
द्विकालं य: पठेन्नित्यं धन्यधान्यसमन्वित:।।10।।
त्रिकालं य: पठेन्नित्यं महाशत्रुविनाशनम्।
महालक्ष्मीर्भवेन्नित्यं प्रसन्ना वरदा शुभा।।11।।
स्त्रोत के साथ मां लक्ष्मी के इन नामों का जाप करें. पद्मा, पद्मालया, पद्मवनवासिनी, श्री, कमला, हरिप्रिया, इन्दिरा, रमा, समुद्रतनया, भार्गवी और जलधिजा .


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