आज यानी 29 अप्रैल दिन शनिवार को सीता नवमी का पावन पर्व देशभर में धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है। ये दिन माता सीता की पूजा को समर्पित होता है। इस दिन भक्त देवी मां की विधिवत पूजा करते हैं और व्रत आदि भी रखते है। मान्यता है कि आज के दिन सच्ची श्रद्धा और भाव से सीता आराधना करने से साधक को उत्तम फलों की प्राप्ति होती है और सभी कष्टों का निवारण हो जाता है
आज के दिन राम सीता के मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ भी देखने को मिलती है। धार्मिक पंचांग के अनुसार सीता नवमी का पर्व वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की नवमी पर मनाया जाता है। ऐसे में अगर आप आज के दिन सीता माता की पूजा कर रहे हैं तो उनकी प्रिय आरती जरूर पढ़ें मान्यता है कि पूजा में माता की आरती पढ़ने से देवी मां अतिशीघ्र प्रसन्न होकर कृपा बरसाती है और सभी कष्टों से दूर रखती है। साथ ही साथ प्रभु राम की भी कृपा साधकों पर होती है। तो आज हम आपके लिए लेकर आए हैं देवी सीता की आरती और वंदना।
श्री सीता वंदना—
उद्भवस्थितिसंहारकारिणीं क्लेशहारिणीम्।
सर्वश्रेयस्करीं सीतां नतोअहं रामवल्लभाम्।।
माता सीता की आरती—
आरति श्रीजनक-दुलारी की।
सीताजी रघुबर-प्यारी की।।
जगत-जननि जगकी विस्तारिणि,
नित्य सत्य साकेत विहारिणि।
परम दयामयि दीनोद्धारिणि,
मैया भक्तन-हितकारी की।।
आरति श्रीजनक-दुलारी की।
सतीशिरोमणि पति-हित-कारिणि,
पति-सेवा-हित-वन-वन-चारिणि।
पति-हित पति-वियोग-स्वीकारिणि,
त्याग-धर्म-मूरति-धारी की।।
आरति श्रीजनक-दुलारी की।।
विमल-कीर्ति सब लोकन छाई,
नाम लेत पावन मति आई।
सुमिरत कटत कष्ट दुखदायी,
शरणागत-जन-भय-हारी की।।
आरति श्रीजनक-दुलारी की।
सीताजी रघुबर-प्यारी की।।