कल गुप्त नवरात्रि के चौथे दिन पढ़ें मां कूष्मांडा की आरती और मंत्र

Update: 2023-06-21 13:58 GMT
अभी आषाढ़ माह की गुप्त नवरात्रि मनाई जा रही हैं जिसकी शुरुआत 19 जून दिन सोमवार से हो चुका हैं और इसका समापन 28 जून को हो जाएगा। ऐसे में आषाढ़ गुप्त नवरात्रि के नौ दिनों तक भक्त देवी मां के अलग अलग रूपों की पूजा करते हैं और उपवास भी रखते हैं माना जाता है कि इस दौरान देवी आराधना करने से साधक को अपार फलों की प्राप्ति होती हैं और सभी प्रकार के कष्टों का नाश हो जाता हैं।
कल यानी 22 जून दिन गुरुवार को आषाढ़ गुप्त नवरात्रि का चैथा दिन है जो कि मां दुर्गा के चैथे स्वरूप मां कूष्मांडा की पूजा आराधना को समर्पित किया गया हैं इस दिन भक्त देवी मां की विधिवत पूजा करते हैं ऐसे में अगर आप भी देवी मां की आराधना कर उनका आशीर्वाद पाना चाहते हैं तो माता की पूजा में उनकी प्रिय आरती जरूर पढ़ें और मंत्रों का जाप भी करते हैं तो आज हम आपके लिए लेकर आए हैं मां कूष्मांडा की आरती और मंत्र।
मां कूष्मांडा की आरती-
कूष्मांडा जय जग सुखदानी। मुझ पर दया करो महारानी॥
पिगंला ज्वालामुखी निराली। शाकंबरी मां भोली भाली॥
लाखों नाम निराले तेरे। भक्त कई मतवाले तेरे॥
भीमा पर्वत पर है डेरा। स्वीकारो प्रणाम ये मेरा॥
सबकी सुनती हो जगदम्बे। सुख पहुंचती हो मां अम्बे॥
तेरे दर्शन का मैं प्यासा। पूर्ण कर दो मेरी आशा॥
मां के मन में ममता भारी। क्यों ना सुनेगी अरज हमारी॥
तेरे दर पर किया है डेरा। दूर करो मां संकट मेरा॥
मेरे कारज पूरे कर दो। मेरे तुम भंडारे भर दो॥
तेरा दास तुझे ही ध्याए। भक्त तेरे दर शीश झुकाए॥
मंत्र जाप
ॐ जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी।
दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते।।
- या देवी सर्वभू‍तेषु माँ कूष्मांडा रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।
- ‘ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै’
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