नाग पंचमी पर बन रहा है दुर्लभ संयोग, ज्योतिषाचार्य से जानें पूजन विधि

श्रावण शुक्ल पक्ष पंचमी तिथि को मंगलवार दिन व उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र व शिव योग मिल रहा है, जो अत्यन्त ही शुभ है। नाग पंचमी को भगवान शिव व नागदेव की पूजा से विशेष रूप से सिद्धि प्राप्ति होती है।

Update: 2022-08-01 03:21 GMT

श्रावण शुक्ल पक्ष पंचमी तिथि को मंगलवार दिन व उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र व शिव योग मिल रहा है, जो अत्यन्त ही शुभ है। नाग पंचमी को भगवान शिव व नागदेव की पूजा से विशेष रूप से सिद्धि प्राप्ति होती है। इस दिन नाग देवता की पूजा का विशेष महत्व शास्त्रों में बताया गया है।

महर्षि पारासर ज्योतिष संस्थान के ज्योतिषाचार्य पं. राकेश पांडेय ने बताया कि समस्त नाग जाति के प्रति श्रद्धा व सम्मान पूर्वक गोदूग्ध धान का लावा, सफेद पुष्प, धूप आदि से पूजन करना चाहिए। पूजन के बाद नाग देवता की प्रसन्नता के लिए निम्न मन्त्र का जप करें... ॐ नवकुल नागाय विद्महे विषदन्ताय धीमहि, तन्नो सर्प: प्रचोदयात। नाग पंचमी के दिन जिस जातक के जन्म कुण्डली में कालसर्प दोष, सर्प श्राप के द्वारा कष्ट प्राप्त हो रहा हो। उन्हें चाहिए की भगवान शिव की पूजा के साथ- साथ सर्प देवता की पूजा उपरोक्त मन्त्र के द्वारा करें, जिससे उसे कालसर्प दोष व सर्प श्राप से मुक्ति मिल सकती है।



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