देशभर में आज मनाया जा रहा राम जन्मोत्सव ,जाने मंत्र और आरती

Update: 2024-04-17 10:20 GMT
ज्योतिष न्यूज़  : आज यानी 17 अप्रैल दिन बुधवार को देशभर में रमनवमी का पावन पर्व मनाया जा रहा है इसे राम जन्मोत्सव के नाम से भी जाना जाता है इस दिन भक्त भगवान श्रीराम की विधिवत पूजा करते हैं और व्रत आदि भी रखते हैं माना जाता है कि ऐसा करने से प्रभु की कृपा प्राप्त होती है और कष्टों का निवारण हो जाता है ऐसे में आज हम राम नवमी के शुभ अवसर पर भगवान राम की पूजा मंत्र, आरती और भोग की जानकारी प्रदान कर रहे हैं तो आइए जानते हैं।
 धार्मिक मान्यताओं के अनुसार रामनवमी के पावन दिन पर ही भगवान विष्णु के अवतार श्रीराम का जन्म हुआ था जिसे रामनवमी, राम जन्मोत्सव के तौर पर धूमधाम के साथ मनाया जाता है भगवान राम को मर्यादा पुरुषोत्तम माना गया है मान्यता है कि इनकी आराधना कष्टों से निकाल देती है और शुभ फल प्रदान करती है।
 रामनवमी पर भगवान को लगाएं ये भोग—
आज यानी 17 अप्रैल दिन बुधवार को रामनवमी का पर्व बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है ऐसे में इस दिन आप भगवान श्रीराम की विधिवत पूजा करें साथ ही प्रभु को पंजीरी, हलवा, खीर, पंचामृत या बेर के फल का भोग जरूर लगाएं। माना जाता है कि इन चीजों का भोग अर्पित करने से भगवान शीघ्र प्रसन्न हो जाते हैं और पुण्य फल प्रदान करते हैं।
 यहां पढ़ें श्रीराम जी की आरती—
श्री राम चंद्र कृपालु भजमन हरण भाव भय दारुणम्।
नवकंज लोचन कंज मुखकर, कंज पद कन्जारुणम्।।
कंदर्प अगणित अमित छवी नव नील नीरज सुन्दरम्।
पट्पीत मानहु तडित रूचि शुचि नौमी जनक सुतावरम्।।
भजु दीन बंधु दिनेश दानव दैत्य वंश निकंदनम्।
रघुनंद आनंद कंद कौशल चंद दशरथ नन्दनम्।।
सिर मुकुट कुण्डल तिलक चारु उदारू अंग विभूषणं।
आजानु भुज शर चाप धर संग्राम जित खर-धूषणं।।
इति वदति तुलसीदास शंकर शेष मुनि मन रंजनम्।
मम ह्रदय कुंज निवास कुरु कामादी खल दल गंजनम्।।
छंद
मनु जाहिं राचेऊ मिलिहि सो बरु सहज सुंदर सावरों।
करुना निधान सुजान सिलू सनेहू जानत रावरो।।
एही भांती गौरी असीस सुनी सिय सहित हिय हरषी अली।
तुलसी भवानी पूजि पूनी पूनी मुदित मन मंदिर चली।।
।।सोरठा।।
जानि गौरी अनुकूल सिय हिय हरषु न जाइ कहि।
मंजुल मंगल मूल वाम अंग फरकन लगे।।
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