ब्रह्म मुहूर्त में बाबा महाकाल को बांधी गई राखी

Update: 2023-08-30 10:33 GMT
धर्म अध्यात्म: इस बार रक्षाबंधन के पर्व को लेकर लोगों में असमंजस की स्थिति है कि आखिर कब रक्षाबंधन मनाए 30 अगस्त को या 31 अगस्त को…? लेकिन आपको बता दें कि इस बार ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में श्रावणी पूर्णिमा पर यानी आज सुबह 30 अगस्त को ही रक्षाबंधन का पर्व मनाया गया.
तड़के 3 बजे भद्रा काल शुरू होने से पहले भस्म आरती में सबसे पहले पुजारी परिवार की महिलाओं ने भगवान महाकाल को राखी बांधी. इसके बाद भगवान महाकाल को सवा लाख लड्डुओं का भोग लगाकर आरती की गई. आरती के बाद भक्तों को दिनभर महाप्रसादी का वितरण किया गया.
पुजारियों का कहना है कि महाकाल ज्योतिर्लिंग की पूजन परंपरा में श्रावणी पूर्णिमा का विशेष महत्व है. इस दिन पुण्य पवित्र श्रावण मास का समापन होता है और भगवान महाकाल को सवा लाख लड्डुओं का महाभोग लगाया जाता है. इस बार भी श्रावणी पूर्णिमा मनाई गई. भस्म आरती में भगवान महाकाल को सबसे पहले राखी बांधकर महाभोग लगाया गया.
श्रावण का उपवास खोलते हैं…
श्रद्धालु पंडितों का कहना है कि जो भक्त सावन के पूरे महीने में उपवास रखते हैं, वे रक्षाबंधन के दिन भगवान महाकाल की लड्डू प्रसादी ग्रहण करके उपवास खोलते हैं. इसलिए भक्तों को पूरे दिन महाप्रसादी का वितरण किया जाता है.
सवा लाख लड्डुओं का लगाया गया भोग
परंपरा अनुसार सवा लाख लड्डुओं का भोग भस्म आरती करने वाले पुजारी परिवार की ओर से लगाया जाता है. इसलिए इस बार का महाभोग पं. प्रदीप गुरु के परिवार की ओर से भक्तों के सहयोग से लगाया गया. महापर्व पर मंदिर में विशेष पुष्प सज्जा की गई.
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