आजकल आधुनिक दौर में पति और पत्नी के बीच झगड़े आम हो चले हैं। चाहे कुंडली मिले या न मिले झगड़े जरूर होते हैं। कई बार छोटी मोटी अनबन भी भयानक रूप धारण करके तलाक की नौबत तक पैदा कर देती हैं क्योंकि अब लोगों में समझदारी और पेशेंस खतम हो चला है। इसके कई कारण हैं। यदि आप रोज के झगड़ से मुक्ति होना चाहते हैं तो कम से कम कई कारणों में से एक वास्तु दोष तो दूर कर ही सकते हैं। आओ जानते हैं 10 टिप्स।
1. इन में से लगाएं कोई एक चित्र : शयन कक्ष में राधा-कृष्ण का एक सुंदर-सा चित्र, हंसों के जोड़े का सुंदर-सा चित्र, हिमालय का सुंदर सा चित्र, शंख का एक बड़ा सा चित्र या बांसुरी का चित्र लगाएं। शयन कक्ष में धार्मिक चित्र नहीं होना चाहिए।
2. कर्पूर मिला घी का दीपक जलाएं : घर में रोज कपूर मिला घी का दीपक जलाना चाहिए। दीये की लौ दक्षिण दिशा में रखकर जलाएं। दीपक जलाते समय ध्यान रखें कि लौ पूर्व या दक्षिण दिशा की ओर हो। दिशा का ध्यान अगर न रख पाएं तो दीपक के मध्य में बाती लगाना शुभ फल देने वाला है।
3. दिशा का करें चयन : मुख्य शयन कक्ष, जिसे मास्टर बेडरूम भी कहा जाता हें, घर के दक्षिण-पश्चिम (नैऋत्य) या उत्तर-पश्चिम (वायव्य) की ओर होना चाहिए। अगर घर में एक मकान की ऊपरी मंजिल है तो मास्टर ऊपरी मंजिल के दक्षिण-पश्चिम कोने में होना चाहिए।
4. किस दिशा में पैर करके सोएं: शयन कक्ष में सोते समय हमेशा सिर दीवार से सटाकर सोना चाहिए। पैर दक्षिण और पूर्व दिशा में करके नहीं सोना चाहिए। उत्तर दिशा की ओर पैर करके सोने से स्वास्थ्य लाभ तथा आर्थिक लाभ की संभावना रहती है। पश्चिम दिशा की ओर पैर करके सोने से शरीर की थकान निकलती है, नींद अच्छी आती है।
5. खिड़की के पास न सोएं: खिड़की के पास बिस्तर न लगाएं। बिस्तर कभी भी खिड़की से सटाकर न लगाएं। ऐसा करने से रिश्तों में तनाव होता है। अगर फिर भी ऐसा संभव न हो पाए तो अपने सिरहाने और खिड़की के बीच पर्दा जरूर डालें। नकारात्मक ऊर्जा रिश्तों पर असर नहीं कर पाएगी।
6. डबलबेड और आईना: डबलबेड के गद्दे दो हिस्सों में न हो। यानी गद्दा एक ही होना चाहिए, वह बीच में विभाजित नहीं होना चाहिए। खराब बिस्तर, तकिया, परदे, चादर, रजाई आदि नहीं रखें। बिस्तर के सामने आईना कतई न लगाएं।
7. पलंग: शयनकक्ष में टूटा पलंग नहीं होना चाहिए। पलंग का आकार यथासंभव चौकोर रखना चाहिए। पलंग की स्थापना छत के बीम के नीचे नहीं होनी चाहिए। शयन कक्ष के दरवाजे के सामने पलंग न लगाएं। लकड़ी से बना पलंग श्रेष्ठ रहता है।