Putrada Ekadashi Paran Vidhi: एकादशी व्रत पारण में जरा-सी चूक से नहीं मिलता पूर्ण फल, जानें महत्व

Update: 2022-08-10 14:20 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। Putrada Ekadashi Paran Time 2022: हिंदू धर्म में एकादशी के व्रत का विशेष महत्व है.सभी व्रतों में सबसे कठिन व्रतों में से एक एकादशी का व्रत है. सावन के शुक्ल माह की एकादशी पुत्रदा एकादशी का व्रत आज 8 अगस्त को रखा गया है. बता दें कि एकादशी का व्रत कड़े नियमों के साथ रखा जाता है. व्रत की शुरुआत दशमी के दिन सूर्यास्त के बाद से होती है और द्वादशी के दिन व्रत का पारण किया जाता है.

कहते हैं एकादशी का व्रत तभी पूर्ण माना जाता है जब व्रत का पारण सही से किया जाए. एकादशी के व्रत में पारण का भी विशेष महत्व है. अगर पारण सही समय और सही विधि से न किया जाए,तो व्रत का पूर्ण फल नहीं मिलता. आइए जानते हैं पुत्रदा एकादशी के पारण का शुभ समय और उसके नियमों के बारे में.

एकादशी के पारण नियम

एकादशी के व्रत का पारण द्वादशी तिथि में किया जाता है. पारण व्रत खोलने की विधि को कहा जाता है. शास्त्रों के अनुसार एकादशी व्रत का पारण हमेशा सूर्योदय के बाद ही किया जाता है. ग्रंथों के अनुसार एकादशी व्रत का पारण द्वादशी तिथि समाप्त होने से पहले ही किया जाता है. कहते हैं कि अगर पारण द्वादशी तिथि के बाद किया जाए, तो व्यक्ति पाप का भागीदार होता है.

ज्योतिष के अनुसार अगर तिथि घटने-बढ़ने के कारण द्वादशी तिथि सूर्योदय से पहले ही समाप्त हो रही हो, तो भी व्रत का पारण सूर्यदोय के बाद ही करना चाहिए. इसके बाद ही हरि वासर में व्रत का पारण भूलकर भी न करें. बता दें कि हरि वासर द्वादशी तिथि की पहली एक चौथाई तिथि को कहा जाता है. व्रत का पारण करने के लिए हरि वासर समाप्त होने का इंतजार करना चाहिए. हरि वासर में भूलकर भी व्रत का पारण न करें.

सावन पुत्रदा एकादशी पारण समय 2022

सावन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी 8 अगस्त गुरुवार के दिन है. और व्रत का पारण अगले दिन 9 अगस्त शुक्रवार के दिन किया जाएगा. बता दें कि पुत्रदा एकादशी व्रत पारण का समय सुबह 06.01 से 8:26 तक है. 

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