Religion Desk धर्म डेस्क: परिवर्तिनी एकादशी व्रत भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी के दिन मनाया जाता है। इस शुभ तिथि पर जगत के रचयिता भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करने की परंपरा है। इसके अलावा व्रत जीवन की चिंताओं को भी कम करने का काम करता है। ऐसे में आपको परिवर्तिनी एकादशी (परिवर्तिनी एकादशी 2024) की पूजा करते समय विष्णु चालीसा का पाठ करना होगा। मान्यता है कि इसके पाठ से साधक को सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है। परिवर्तिनी एकादशी व्रत भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी के दिन मनाया जाता है। इस शुभ तिथि पर जगत के रचयिता भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करने की परंपरा है। इसके अलावा व्रत जीवन का भी काम करता है। ऐसे में आपको परिवर्तिनी एकादशी (परिवर्तिनी एकादशी 2024) की पूजा करते समय विष्णु चालीसा का पाठ करना होगा। मान्यता है कि इसके पाठ से साधक को सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है। की चिंताओं को दूर करने
विष्णु सुनिए विनय सेवक की चितलाय ।
कीरत कुछ वर्णन करूं दीजै ज्ञान बताय ॥
नमो विष्णु भगवान खरारी, कष्ट नशावन अखिल बिहारी ।
प्रबल जगत में शक्ति तुम्हारी, त्रिभुवन फैल रही उजियारी ॥
सुन्दर रूप मनोहर सूरत, सरल स्वभाव मोहनी मूरत ।
तन पर पीताम्बर अति सोहत, बैजन्ती माला मन मोहत ॥
सत्य धर्म मद लोभ न गाजे, काम क्रोध मद लोभ न छाजे ॥
सन्तभक्त सज्जन मनरंजन, दनुज असुर दुष्टन दल गंजन ।
सुख उपजाय कष्ट सब भंजन, दोष मिटाय करत जन सज्जन ॥
पाप काट भव सिन्धु उतारण, कष्ट नाशकर भक्त उबारण ।
करत अनेक रूप प्रभु धारण, केवल आप भक्ति के कारण ॥
धरणि धेनु बन तुमहिं पुकारा, तब तुम रूप राम का धारा ।
भार उतार असुर दल मारा, रावण आदिक को संहारा ॥