शनि को क्यों पसंद है काला रंग, जानें इसकी पौराणिक कथा

शनिवार का दिन शनिदेव को समर्पित होता है.

Update: 2021-06-27 03:27 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क| शनिवार का दिन शनिदेव को समर्पित होता है. इस दिन भगवान शनि की विशेष पूजा अर्चना की जाती है. भगवान शनि को लेकर लोगों के मन में डर रहता है. हर व्यक्ति शनिदोष, शनि की साढ़े साती और महादशा से बचने का प्रयास करता है. भगवान शनि को न्यायधीश कहते हैं, जो लोगों को उनके कर्मों के हिसाब से फल देते हैं. शनिदेव की पूजा अर्चना करने से सभी दुख दूर हो जाते हैं और आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है.

आप शनि ग्रह के दोष से बचने के लिए विशेष उपायों को कर सकते हैं. लेकिन क्या आपने सोचा हैं कि भगवान शनि की पूजा में काले रंग की वस्तुओं का दान क्यों किया जाता है. जबकि भगवान सूर्य को सफेद चीजें अर्पित की जाती है. वो पूरे संसार को दीपक देते हैं. वहीं, उनके पुत्र शनिदेव को काली रंग की वस्तुएं पसंद हैं. आइए जानते हैं इसके पीछे क्या कारण है.
पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान सूर्य की शादी दक्ष प्रजापति की बेटी देवी संध्या से हुआ था. जिनसे उन्हें मनु, यमराज और यमुना नामक संतान प्राप्ति हुईं. लेकिन देवी संध्या भगवान सूर्य के ताप को सह नहीं पा रही थीं, इसलिए उन्होंने अपनी जगह एक प्रतिरूप छाया को रख दिया जो दिखने में देवी संध्या की प्रतिरूप छाया थीं. इस बात का पता भगवान सूर्य को पता नहीं चला. लेकिन देवी छाया भगवान शिव की कठोर तपस्या कर रही थीं जिसकी वजह से वह अपनी गर्भावस्था के समय सही से ध्यान नहीं रख पा रही थीं. इस वजह से शनिदेव जन्म के समय अंत्यत काल और कुपोषित पैदा हुआ. जिसके देखकर सूर्यदेव ने अपनी संतान मानने से इंकार कर दिया. लेकिन ये बात भगवान शनि को बहुत बुरी लगी.
भगवान सूर्य ने किया पश्चाताप
देवी संध्या जब तप कर रही थी, उस समय मां के गर्भ में ही शनिदेव को भगवान शिव की शक्ति प्राप्त हो गई. जब शनिदेव ने भगवान सूर्य को क्रोध से देखा तो उनका रंग काला पड़ गया और उन्हें कुष्ठ रोग हो गया. सूर्यदेव ने भगवान शिव से क्षमा याचना मांगी और शनिदेव को सभी ग्रहों में सबसे अधिक शक्तिशाली होने का वरदान दिया. भगवान शनि ने अपने काला रंग होने और काले रंग के अपेक्षा के कारण काला रंग अतिप्रिय है, इसलिए उनकी पूजा में काले तिल, काला चना और लोहे की चीजों को खरीदा या दान में दिया जाता है.


Tags:    

Similar News

-->