इस तरह से मनाया जाता है पोंगल का त्योहार, जानें इनके विशेष महत्व

दक्षिण भारत के सबसे प्रसिद्ध त्योहारों में से एक पोंगल 14 जनवरी से मनाया जाएगा.

Update: 2021-01-13 07:55 GMT

जनता से रिश्ता बेवङेस्क| दक्षिण भारत के सबसे प्रसिद्ध त्योहारों में से एक पोंगल 14 जनवरी से मनाया जाएगा. ये त्योहार 17 जनवरी तक चलेगा. चार दिनों तक चलने वाले इस त्योहार को नए साल के रूप में भी मनाया जाता है. इस चार दिवसीय त्योहार को लोग उत्सव के रूप में मनाते हैं.

पोंगल के त्योहार पर मुख्य रूप से भगवान सूर्य की उपासना की जाती है. इस दिन लोग सुबह उठकर स्नान करते हैं और भगवान सूर्य को जल अर्पित कर खुशहाली की कामना करते हैं. माना जाता है कि इस दिन दान करने से भी पुण्य मिलता है. पोंगल के अवसर पर लोग पशुओं की भी पूजा की जाती है. इस दिन गाय और बैल को सुंदर तरीके से तैयार किया जाता है और उनकी पूजा की जाती है. इस दिन तरह-तरह की झाकियां भी निकाली जाती है.

चार दिन तक चलता है पोंगल का त्योहार

चार दिन तक चलने वाले इस त्योहार के पहले दिन को लोग 'भोगी पोंगल' के नाम से भी जानते हैं. इस दिन लोगों में एक अलग ही उत्साह देखने को मिलता है. इसके अलावा, इस अवसर पर जल्लीकट्टू का खेल भी खेला जाता है. इस दौरान लोग बैल को नियंत्रित करने के लिए उसके पीछे भागते हैं. तमिलनाडु के कई हिस्सों में इस खेल को बड़े उत्साह के साथ खेला जाता है.

भगवान सूर्य की होती है पूजा

पोंगल के दिन लोग नए कपड़े पहनना भी पसंद करते हैं. इसके अलावा, नए बर्तन में तरह तरह के पकवान बनाए जाते हैं. लोग एक दूसरे को अपने घर पर भी आमंत्रित करते हैं. भगवान सूर्य की पूजा करने के बाद पकवानों का भोग लगाया जाता है. इसके बाद लोगों में बांटा जाता है. इस त्योहार के अवसर पर लोग विशेष रूप से अपने घरों को सजाते हैं.

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