भाद्रपद मास;हिंदू धर्म में पूर्णिमा और अमावस्या तिथि को बेहद ही खास माना जाता है जो कि हर माह में एक बार पड़ती है अभी भाद्रपद मास चल रहा है और इस माह की पूर्णिमा का अपना महत्व होता है क्योंकि इसी दिन से श्राद्ध पक्ष का आरंभ होने जा रहा हैं यही कारण है कि इस पूर्णिमा का विशेष माना गया है।
इस साल भाद्रपद मास की पूर्णिमा 29 सितंबर दिन शुक्रवार से आरंभ हो रही है जो कि धन की देवी माता लक्ष्मी और श्री विष्णु को समर्पित है इस दौरान लक्ष्मी संग विष्णु आराधना उत्तम फल प्रदान करती है और कल्याणकारी मानी जाती है तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा भाद्रपद मास की पूर्णिमा से जुड़ी जानकारी प्रदान कर रहे हैं।
भाद्रपद मास की पूर्णिमा का मुहूर्त-
धार्मिक पंचांग के अनुसार भाद्रपद मास की पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त 28 सितंबर से आरंभ हो रहा है जो कि शाम को 6 बजकर 50 मिनट से लेकर अगले दिन यानी 29 सितंबर को दोपहर 3 बजकर 28 मिनट तक रहने वाला है। इस दिन पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र रहने वाला है। आपको बता दें कि इसी दिन गणेश चतुर्थी का आखिरी दिन यानी अनंत चतुर्दशी भी है। इसलिए इस दिन व्रत रखने वाले लोग उपवास तो कर सकते हैं लेकिन दान पुण्य के कार्य के लिए 29 सितंबर ही शुभ रहने वाला है।
भाद्रपद मास की पूर्णिमा पर पितरों के निमित्त श्राद्ध तर्पण और पिंडदान करने से पितृदोष से मुक्ति मिलती है और जीवन में सुख, समृद्धि और शांति आती है इसके अलावा माता लक्ष्मी और श्री हरि की पूजा करने से सभी पापों और कष्टों से छुटकारा मिलता है।